बिल्ली, बंदरों के साथ खरगोश ने भी काटा दो सौ से अधिक लोगों को

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इन्दौर। सरकारी लाल अस्पताल से पिछले माह की एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने वालों की रिपोर्ट के अनुसार सितम्बर में बिल्ली , खरगोश, बंदरों के काटने से सताए हुए 200 से ज्यादा लोग एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचे। इसके अलावा आवारा कुत्तों के काटने से घायल 3000 से भी ज्यादा पीड़ित इंजेक्शन लगवाने पहुंचे।

डॉक्टरों के  अनुसार   अनुसार पिछले माह सितम्बर के 30 दिनों में बिल्लियों ने 106 लोगों को, बंदरों ने 41 लोगों को और खरगोश ने 70 लोगों को काटकर घायल कर दिया। इस तरह 217 लोग बिल्ली, बंदर, खरगोश के गुस्से का शिकार बने। इसके बाद इन सभी को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए। डॉक्टर शर्मा के अनुसार पिछले कुछ सालों से दुकानों, घरों, फार्म हाउस या खेत-खलिहान में खरगोश, बिल्ली, बंदर पालने का चलन बढ़ा है। इसके अलावा कई लोग पिकनिक या पर्यटन के लिए जंगलों के अंदर पिकनिक स्पॉट पर जाते हैं। वहां ज्यादातर बंदर का शिकार हो जाते हैं। इसलिए पर्यटकों को पिकनिक स्पॉट पर इनसे सावधान रहना चाहिए। हर माह अब कुत्तों के अलावा बिल्ली, बंदर, खरगोश के सताए हुए घायल भी एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने आते हैं। पिछले महीने जहां 217 लोगों को बिल्ली, बंदर, खरगोश ने सताया, वहीं 3 हजार 258 लोगों को हर माह की तरह पिछले माह भी स्ट्रीट डॉग्स, यानी आवारा कुत्तों ने काट- नोंचकर घायल कर दिया। इन सभी को भी एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए।

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