सुदर्शन की चुनरी यात्रा केवल राजनीति की पर्याय साबित हुई, विधानसभा 1 में विजयवर्गीय ही बने सर्वेसर्वा
नवरात्रि में इस बार कांग्रेसियों के पांडाल भी हुए गायब
इंदौर । इंदौर में नवदुर्गा पंडाल स्थापित करने में नेतागण बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। कुछ सालों से ऐसे नेताओं में भाजपा के साथ कांग्रेस के नेता भी काफी होते थे।
दरअसल, धार्मिक कथा भंडारे इत्यादि की राजनीति का ट्रेंड कैलाश विजयवर्गीय ने 90 के दशक में प्रारंभ किया था।
दरअसल कैलाश विजयवर्गीय की स्वर्गीय माताजी अयोध्या देवी नंदनगर में रामायण मंडल चलाती थीं। इसी रामायण मंडल में कैलाश विजयवर्गीय बचपन से भजन गाते रहे है।
नंदा नगर के चर्चित इसी रामायण मंडल में कैलाश विजयवर्गीय को संघ के तत्कालीन विभाग प्रचारक गोविंद सारंग और तत्कालीन महानगर प्रचारक सुरेश सोनी ने देखा था।
गोविद सारंग और सुरेश सोनी की वजह से कैलाश विजयवर्गीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हुए।
विजयवर्गीय के धार्मिक मिले हैं। यही वजह है कि 1983 में इंदौर नगर निगम का पार्षद बनने के बाद उन्होंने इंदौर में कथा भंडारे का जो ट्रेंड चलाया वो आज पूरे प्रदेश में चलन में है।
भाजपा तो ठीक कांग्रेस और अन्य दलों के नेता भी कथा भंडारों का उपयोग राजनीति में करने लगे हैं। इंदौर में कांग्रेसी पिछले कुछ वर्षों से बढ़-चढ़कर गरबा करवाते थे।
इनमें जीतू पटवारी जैसे नेता आगे थे। इस बार जीतू पटवारी के गरबा मंडल लक्ष्य की चमक फीकी है। सत्यनारायण पटेल, पिंटू जोशी, अश्विन जोशी जैसे नेता भी इन दिनों नवदुर्गा उत्सव के आयोजनों से दूर हैं।
दूसरी तरफ कई नए भाजपा नेताओं ने नवदुर्गा उत्सव के पंडाल लगाए हैं। इनमें भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष सौगात मिश्रा भी है। जिन्होंने दशहरा मैदान के पास भव्य गरबे का आयोजन किया है।
नवरात्रि का उत्सव सबसे विशाल पैमाने पर कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला मानते हैं। उनकी कनकेश्वरी नवदुर्गा उत्सव समिति के तहत विशाल गरबे और रोज भंडारे होते हैं।
एक समय प्रदेश में सबसे चर्चित गरबा पंडाल स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह गौड़ का होता था। उन्होंने हिंद रक्षक के बैनर तले सनातनी परंपरा के अनुसार गरबे प्रारंभ किए थे। इस बार भी हिंद रक्षक का आयोजन तो है लेकिन जो बात दादा के समय थी वो नहीं है। इसकी बजाय एकलव्य सिंह गौड़ इस बार नवमी को शस्त्र पूजन का आयोजन बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। उनका हिंद रक्षक संगठन प्रत्येक वार्ड में तलवारें वितरित कर रहा है।
इसके अलावा भी वार्ड स्तर पर अनेक भाजपा नेता गरबा उत्सव करवा रहे हैं। बहरहाल प्रत्येक स्तर के चुनावों में लगातार पराजय का असर कांग्रेसियों पर दिख रहा है? इस बार कांग्रेसियों के गरबा पांडाल कम लगे हैं।
इस बार सुदर्शन की चुनरी यात्रा नहीं पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता 2008 से ही इंदौर क्षेत्र क्रमांक 1 में विशाल चुनरी यात्रा का आयोजन करते रहे हैं।
इस बार यह आयोजन स्थगित रखा गया है। सुदर्शन गुप्ता की सफाई यह है कि सदस्यता अभियान का प्रभारी होने की वजह से उन्होंने चुनरी यात्रा की बजाय संगठन के काम को तवज्जो दी है। जबकि सूत्र बता रहे है कि हकीकत यह है कि वो चुनरी यात्रा निकालकर कैलाश विजयवर्गीय को नाराज नहीं करना चाहते, जिनके मंत्रालय में इंदौर विकास प्राधिकरण आता है।
सुदर्शन इन दोनों सारी जोड़ तोड़ इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए कर रहे हैं। इस पद पर आने के लिए उन्हें कैलाश विजयवर्गीय का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जरूरी है।