बहुमंजिला भवनों में उद्योग स्थापित करने की नीति पर काम कर रही सरकार, नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव मिला विभाग को

 

उज्जैन। सूबे की मोहन सरकार न केवल उज्जैन बल्कि संपूर्ण मालवा अंचल के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में औद्योगिक विकास पर जोर दे रही है वहीं प्रदेश में तेजी से औद्योगिक विकास भी देखने को मिल रहा है और अब यही कारण है कि विकास को देखते हुए जमीन की भी जरूरत हो रही है। जमीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार अब  सरकार बहुमंजिला भवनों में उद्योग स्थापित करने की नीति पर काम कर रही है। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए भूमि विकास नियम की धारा 48 में संशोधन किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग नीरज मंडलोई का कहना है कि नियमों में संशोधन का प्रस्ताव मिला है। इसका परीक्षण करके विभागीय मंत्री के अनुमोदन से अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट भेजा जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में एक समान औद्योगिक विकास करना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का लक्ष्य है। इसके लिए प्रदेशभर में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इन कॉन्क्लेव में मिल रहे औद्योगिक निवेश के प्रस्तावों को देखते हुए सरकार ने बहुमंजिला भवन में उद्योग की नीति पर काम करना शुरू कर दिया है। मप्र में निवेश को प्रोत्साहित कर औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत निवेश बढ़ाया जाएगा। प्रदेश के नगरीय और विकास क्षेत्रों में अब उद्योगों के लिए बहुमंजिला भवन बनाए जा सकेंगे। इसके हर तल पर उद्योग चलेंगे। अभी नगरीय क्षेत्रों में उद्योग संचालित करने के लिए बहुमंजिला भवन की अनुमति नहीं है। भारत सरकार की मंशा के अनुरूप नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय ने भूमि संबंधी नियमों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग इसे अंतिम रूप देगा। प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिवर्ष अपना पूंजीगत व्यय बढ़ा रही है।
 अधोसंरचना विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए राशि की व्यवस्था भी अलग-अलग माध्यमों से की जा रही है। वर्ष 2024-25 के बजट में विशेष केंद्रीय सहायता योजना से 11,500 करोड़ रुपये प्राप्त करने का प्रयास है। इसके लिए भारत सरकार ने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उनके अनुसार विभागों से प्रस्ताव तैयार कराए जा रहे हैं। इसमें नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भूमि और भवन विकास संबंधी नियमों में संशोधन करना है। दरअसल, अभी नगरीय एवं विकास क्षेत्र में उद्योग के लिए बहुमंजिला भवन नहीं बनाया जा सकता है, जबकि भारत सरकार का मानना है कि भूमि का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होना चाहिए। इसके मद्देनजर नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय ने उद्योग संचालित करने के लिए बहुमंजिला भवन बनाने की अनुमति देना प्रस्तावित किया है। इसके लिए भू-स्वामी को 30 के स्थान पर 60 से 70 प्रतिशत तक भूमि के अधिकतम उपयोग की छूट दी जाएगी। जिस तरह माल और बहुमंजिला भवन बनाने के लिए भूमि के उपयोग का अधिकार मिलता है, उसी तरह उद्योगों के लिए भी प्रावधान किया जाएगा। फ्लोर एरिया रेश्यो (तल क्षेत्र अनुपात) बढ़ाया जाएगा भूमि विकास नियम की धारा 48 में संशोधन होगा।