इंदौर में आने वाले दिनों में ताई और भाई की लड़ाई फिर होगी जग जाहिर
मोहन यादव की सरकार में कई नेता कर रहे कमजोर महसूस
कैलाश विजयवर्गीय के एक तरफा कनेक्शन से खफा कई विधायक
इंदौर। पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के बाद और डॉक्टर मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने से इंदौर जिले में शक्ति संतुलन गड़बड़ा गया है।
यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय जो नेता ताकतवर थे वो डॉ मोहन यादव के निजाम में कमजोर हो गए हैं। इस समय राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से कैलाश विजयवर्गीय और उनके समर्थक सबसे ज्यादा ताकतवर बनकर सामने आए हैं।
जाहिर है इससे भाजपा के एक वर्ग में बेचैनी है। इसी शक्ति संतुलन को बनाए रखने का मोर्चा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा ताई ने
उन्होंने अनेक बार प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की।
दरअसल, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हाल इंदौर में नेताओं, अधिकारियों की बैठक ली और उनसे अपना दर्द साझा किया। ताई ने बैठक में कई बार कहा कि मैं बहुत दुःखी और नाराज हूं।
उनकी बातें सुनकर मंत्री और सांसद चुपचाप बैठे रहे। ताई ने कभी डपटा तो कभी समझाया फिर कहा कि तुम लोगों को कोई परेशानी हो तो मेरे पास आओ मैं सरकार तक तुम्हारी बात पहुंचाऊंगी।
दरअसल ताई ने पिछले दिनों जनपद पंचायत विभाग की बैठक में इंदौर के आसपास के गांवों में पसरी गंदगी पर नेताओं और अधिकारियों की क्लास ले ली। पूरी बैठक में ताई अधिकारियों और नेताओं पर साफ सफाई के विषय को लेकर नाराज होती रही।
बैठक में ताई ने कई बार कहा कि मैं बहुत दुःखी और नाराज हूं। अब तो गांवों में जाने में भी डर लगता है। शहर जितना साफ है गांव उतने ही गंदे हैं।
लोग कहते हैं आपकी सरकार ने हमें क्या दिया। हमारे गांवों की हालत क्यों नहीं सुधर रही है। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, अपर कलेक्टर सिद्धार्थ जैन, जनपद पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय समेत कई नेता और अधिकारी शामिल हुए।
ताई ने कहा कि आप कहीं भी चले जाओ देवगुराड़िया से आगे या फिर जाम गेट से आगे सभी जगह गंदगी पसरी हुई है। सांवेर, महू हो या फिर देपालपुर, राऊ। सभी जगह ही हाल है। अधिकारियों का ध्यान भी सिर्फ शहर में है, गांवों के लिए कोई योजना नहीं है।
दूसरे राज्यों के लोग इंदौर आते हैं तो उन्हें गंदगी दिखती है।
ताई ने कहा कि दूसरे राज्यों के लोग जब इंदौर की सीमाओं से इंदौर शहर में आते हैं तो उन्हें आसपास के गांवों में हर जगह गंदगी दिखती है। वह इंदौर के बारे में क्या सोचते होंगे।
हमारे शहर में आने वाले गांवों का भी हमें ही ध्यान रखना होगा। इससे इंदौर की छवि खराब होती है। ताई ने गांवों को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि एनजीओ से बात करिए और गांव गांव में जागरूकता अभियान चलाइए, जो भी सरपंच सक्रिय हैं उन्हें सबसे पहले जोड़िए।
फाइनेंस सुझाव दिया कि घर-घर से शुल्क लें और इसका महत्व समझाएं कचरा गाड़ियों के लिए उद्योगों से बात करें, सीएसआर का फंड लें। पहले योजना बनाएं और फिर अधिकारियों से संसाधन मांगें। यदि कोई परेशानी आए तो फिर मुझे बताएं, मैं सरकार तक बात पहुंचाऊंगी।