भगवान श्री महाकाल परिवर्तित मार्ग से दशहरा मैदान पहुंचे और वापसी की

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पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं ने मंच लगाकर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया
नए मार्ग पर भी पूरे जोश से भगवान का स्वागत करने को आतुर रहे श्रद्धालु

दैनिक अवन्तिका उज्जैन

दशहरा पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी इस बार नए मार्ग से दशहरा मैदान पहुंची। शमी पूजन के साथ सवारी की वापसी भी इस वर्ष नए मार्ग से हुई है। वर्ष में एक बार भगवान श्री मनमहेश सीमान्लंघन व प्रजा का हाल जानने विजयादशमी पर दशहरा मैदान पहुंचते हैं। इस बार सवारी मार्ग में परिवर्तन किया गया है।

अश्विन शुक्ल दशमी को विजयादशमी पर भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी मंदिर से अपरान्ह्: 04 बजे सभा मंडप में पूजन अर्चन के साथ प्रारंभ हुई । भगवान श्री मनमहेश स्वरूप में बाबा को पालकी में सवार कर विजयदशमी की सवारी निकाली गई। सवारी मार्ग में भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालु बडी संख्या में मौजूद रहे। सवारी मार्ग पर जगह-जगह स्वागत मंच बनाकर श्रद्धालुओं ने भव्य स्तर पर पालकी पर पुष्प एवं पुष्प पंखुडियों की वर्षा कर भगवान का स्वागत किया। नए शहर में बाबा की सवारी के आगमन के साथ ही स्वागत की अनवरत पुष्प वर्षा की गई। करीब 300 से अधिक मंच लगाकर स्वागत का सिलसिला अनवरत रहा है।

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