इंदौर में बच्चियों से छेड़छाड़ करने वाले ‘चोटीवाला’ पर रासुका
विवादित रशियन उपन्यास ‘लोलिता’ पढ़कर छोटी बच्चियों से करता था हरकत
ब्रह्मास्त्र इंदौर। किसी पुस्तक या उपन्यास को पढ़ने का कितना गहरा असर हो सकता है , यह चोटीवाला के प्रकरण में देखने में आया। रशियन उपन्यासकार व्लादीमीर नबोकोव के विवादित उपन्यास ‘लोलिता’ पढ़कर बच्चियों को छेड़ने के मामले में इंदौर के अधेड़ पर पुलिस ने रासुका की कार्रवाई की है। आरोपी को पुलिस ने बीते माह दो बच्चियों से छेड़छाड़ के आरोपी में गिरफ्तार किया था। आरोपी एमबीए पास है और वह पहले भी बच्चियों से हरकत करते हुए पकड़ा जा चुका है।
10 फरवरी को भंवरकुआं क्षेत्र में मामा की शादी में गई 10 साल की बच्ची से छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हरजीत सिंह छाबड़ा को गिरफ्तार किया था। आरोपी के पुराने रिकार्ड निकलने के बाद उस पर डीसीपी राजेशसिंह ने रासुका की कार्रवाई की है।
जूनी इंदौर और एमआइजी में केस
पुलिस ने जांच की तो एमआईजी और जूनी इंदौर में उसके प्रकरण मिले थे। आरोपी को जब वरिष्ठ अधिकारियों के सामने लेकर आया था तो उसके प्रकरणों की जानकारी दी गई थी। जिसमें बाद उसे रासुका के तह्त जेल भेजा गया।
कोचिंग में पढ़ाता था, उज्जैन से एमबीए किया
हरजीत पहले एमआईजी इलाके में पहले कोचिंग चलाता था। लेकिन साल 2008 में पारिवारिक विवाद के बाद वह बच्चियों से हरकत करने लगा। एमआईजी थाना क्षेत्र में भी एक नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी पकड़ा जा चुका है। बताया जा रहा है कि उसकी इन्हीं हरकतों से परेशान होकर परिवार ने उसे छोड़ दिया है। आरोपी का बड़ा बेटा विदेश में नौकरी करता है जबकि बेटी बड़ौदा में जॉब करती है।
बच्चों ने ही रखा चोटीवाला नाम
हरजीतसिंह का नाम चोटीवाला बच्चों ने ही रखा था। उसने जिन बच्चों के साथ हरकत की सभी ने इसकी पहचान चोटीवाला के रूप में ही की। इसके बड़े-बड़े बाल के कारण यह चोटी बांधता था।
इसलिए विवादित है यह उपन्यास
व्लादीमीर नबोकोव द्वारा लिखी यह किताब एक अधेड़ आदमी हम्बर्ट और 12 साल की लड़की डोलोरस हेज़ के रिश्ते पर आधारित है. इसमें लेखक ने एक बच्ची के प्रति अपने प्यार के बारे में विस्तार से बताया है। इस वजह से इस पुस्तक को दुनिया के अधिकांश देशों ने बैन कर दिया था।