18 अक्टूबर से शुरू होगा कार्तिक का महीना, नदियों में स्नान करने से मिलता है पुण्य
उज्जैन। 18 अक्टूबर से कार्तिक माह की शुरुआत होगी। धर्म शास्त्रों में इस माह को पवित्र माना गया है वहीं यह भी मान्यता है कि इस माह शिप्रा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने
से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है वहीं पुण्य फल की भी प्राप्ति होती है।
से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है वहीं पुण्य फल की भी प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, भगवान विष्णु के प्रिय कार्तिक मास की शुरुआत 18 अक्टूबर, शुक्रवार से होने जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कार्तिक महीना दान, स्नान, अनुष्ठान और उपवास के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। कार्कित मास में सूर्योदय से पूर्व स्नान का विशेष महत्व है। इसका समापन 15 नवंबर को होगा। शास्त्रों में उल्लेख है कि कार्तिक मास में कुछ खास नियमों का पालन करने से पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इनमें नियमों में शामिल हैं – सूर्योदय से पूर्व स्नान, नियमित पूजन, जरूरतमंदों को दान, दीपदान, धरती पर शयन, तुलसी पूजन, यथासंभव उपवास या साधारण भोजन।
कौन-कौन से खास त्योहार होंगे
20 अक्टूबर, रविवार: करवा चौथ
21 अक्टूबर, सोमवार: रोहिणी व्रत
24 अक्टूबर, बृहस्पतिवार: अहोई अष्टमी
28 अक्टूबर, सोमवार: रमा एकादशी
29 अक्टूबर, मंगलवार: प्रदोष व्रत , धनतेरस
30 अक्टूबर, बुधवार: काली चौदस
31 अक्टूबर, बृहस्पतिवार: नरक चतुर्दशी , छोटी दिवाली
01 नवंबर, शुक्रवार: अमावस्या, दिवाली
02 नवंबर, शनिवार: गोवर्धन पूजा , अन्नकूट
03 नवंबर, रविवार: भाई दूज
07 नवंबर, बृहस्पतिवार: छठ पूजा
09 नवंबर, शनिवार: दुर्गाष्टमी व्रत , गोपाष्टमी
10 नवंबर, रविवार: अक्षय नवमी
12 नवंबर, मंगलवार: प्रबोधिनी एकादशी
13 नवंबर, बुधवार: प्रदोष व्रत , तुलसी विवाह
15 नवंबर, शुक्रवार: कार्तिक पूर्णिमा व्रत , गुरु नानक जयंती