फैसला: चार को आजीवन कारावास, पांच निर्दोष
उज्जैन। अखाड़े में लाठी घुमाने की बात पर हुए विवाद में हुई युवक की हत्या के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चार आरोपियों को बरी किया गया है।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी मुकेश कुन्हारे ने बताया कि सितंबर 2016 में देवलमाता के पास भगवान गणेश की झांकी और निकल रहे अखाड़े में जितेन्द्र नायक लाठी घुमाकर प्रदर्शन कर रहा था। जिससे कुछ लोगों को चोंट लग गई थी। इसी बात पर जितेन्द्र का विवाद दिनेश, धर्मेन्द्र, अनिल, विक्की और भारत से हो गया था। पांचों ने जान से मारने की धमकी दी। विवाद बढ़ता देख करणसिंह, मनोहर और रमेश बीच बचाव में आये और जितेन्द्र को अपने साथ घर ले गये। दूसरे दिन 17 सितंबर को जितेन्द्र अपनी दुकान से घर धुलमउ लौट रहा था। उसी दौरान दिनेश, धर्मेन्द्र, अनिल, गोपाल, भरत, गणेश, अजय, विनोद, विक्की, जीवन, संजू और रमेश हाथों में तलवार, लाठी और कट्टा लेकर पहुंच गये। सभी ने जितेन्द्र पर हमला कर दिया। वह जान बचाकर घर की ओर भागा। हमलावरों ने उससे जान से मारने की नियत से वार किये। जितेन्द्र जमीन पर गिर पड़ा। उसे बचाने के लिये करणसिंह, रमेश पिता नानूराम और मां कलाबाई, गोविंद पहुंचे। जिन पर भी हमला किया गया।