21 मिनट तक रहेगा इस बार करवा चौथ पर भद्रा का साया

उज्जैन। करवा चौथ का त्योहार और व्रत 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा लेकिन ज्योतिषियों के  अनुसार इस बार की करवा चौथ पर भद्रा का साया रहेगा बावजूद इसके सुहागन महिलाएं
इस व्रत को कर सकेगी क्योंकि महज 21 मिनट ही सुबह के समय भद्रा रहेगी।
ज्योतिषियों ने बताया कि  करवा चौथ हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष, करवा चौथ  लगभग 20 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन को बनाए रखने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं जिसका पारण चांद निकलने पर किया जाता है।  करवा व्रत की शुरुआत हमेशा सरगी खाने से होती है, जो सूर्योदय से करीब दो घंटे पहले खाई जाती है। इस दौरान करवा माता, भगवान गणेश और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस साल करवा चौथ पर भी भद्रा का साया रहेगा।

भद्रा लगने का समय

ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को शुभ माना गया है। कहा जाता है कि भद्रा शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न करती है। इस वर्ष करवा चौथ पर 20 अक्टूबर को 21 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ समय 20 अक्टूबर 2024 को शाम 5:46 बजे से शुरू हो रहा है। यह शुभ मुहूर्त 19:02 तक रहेगी। करवा चौथ के दिन भद्रा सुबह 06:24 से 06:46 तक रहती है। करवा चौथ व्रत की शुरुआत  भद्रा काल शुरू होने से पूर्व ही हो जाएगी। ऐसे में व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर लें और व्रत का संकल्प ले लें।

करवा चौथ व्रत के दौरान न करें ये काम

करवा चौथ व्रत वाले दिन सुहागिनें अपने श्रृंगार में सफेद और काले रंग की वस्तु का प्रयोग न करें। सुहागिन महिलाएं यदि  करवा चौथ पर इन रंगों का उपयोग करती हैं तो उनके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।
भद्रा काल के दौरान कोई संपत्ति या व्यापार की शुरुआत या निवेश न करें।
करवा चौथ पर पूजा के बाद जब भी कोई श्रृंगार की वस्तु बच जाती हैं, तो उसे इधर उधर न फेंकें, बल्कि उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें।
इस दिन धारदार चीजों के इस्तेमाल से बचें। साथ ही किसी से कोई भी मनमुटाव न रखें और अपशब्द न कहें।
व्रत पारण करने के बाद तामसिक भोजन ग्रहण न करें।