लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया
उज्जैन। जिले के साथ ही पूरे प्रदेश में फिलहाल लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड की व्यवस्था खत्म हो गई है। लिहाजा दो पहिया या चार पहिया वाहन चालकों को फिलहाल ऑनलाइन कार्ड से ही ड्राइविंग करना रहेगा। बता दें कि मध्यप्रदेश में 1 अक्टूबर से परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इसके स्थान पर ऑनलाइन कार्ड या इसका प्रिंट आउट को ही मान्यता दे दी गई है। इसका एक बड़ा फायदा यह हुआ है कि अब लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन कार्ड खो जाने पर उसका डुप्लीकेट निकलवाने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। इससे लोगों के पैसे और समय दोनों की काफी बचत होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में परिवहन विभाग के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड की सप्लाय और प्रिंट करने का काम स्मार्ट चीप कंपनी द्वारा किया जाता था। लेकिन कंपनी का अनुबंध खत्म हो जाने के बाद कंपनी ने 1 अक्टूबर से काम बंद कर दिया है। इस बीच को नई कंपनी नियुक्त ना कर पाने वाले परिवहन विभाग ने फैसला लिया कि अब प्रदेश में आवेदकों को लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड की जरूरत ही नहीं होगी और वे अपने मोबाइल में एम परिवहन या डीजी लॉकर जैसी ऐप में अपने कार्ड की ई-कॉपी सेव रख सकेंगे। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं वे इसका प्रिंट आउट निकाल कर अपने पास रख सकेंगे। पुलिस सहित अन्य सभी जांच एजेंसियों को भी कार्ड की ई-कॉपी या प्रिंटआउट स्वीकार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद आवेदक काफी खुश हैं। सबसे बड़ी झंझट कार्ड रखने की दूर हो चुकी है वहीं इससे भी बड़ी झंझट इसे आरटीओ से प्राप्त करने की थी वो भी खत्म हो चुकी है। साथ ही कार्ड कहीं खो जाने पर नियमानुसार डुप्लीकेट कार्ड निकलवाना पड़ता था। लेकिन कार्ड की आवश्यकता ही खत्म हो जाने से अब कार्ड खोने की दिक्कत ही नहीं है। जिनके पास कार्ड है और उनका कार्ड खो भी जाता है तो उन्हें अब डुप्लीकेट कार्ड निकलवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं डुप्लीकेट लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड की 650 से 700 रुपए की फीस से भी मुक्ति मिलेगी।