सिंहस्थ के लिए अभी तक 18 विभागों के 568 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए

मोहन सरकार चार साल पहले से ही तैयारियां शुरू करने की कवायद में जुटी

उज्जैन। सिंहस्थ 2028 की तैयारियां करने में सूबे की मोहन सरकार चार साल पहले से ही जुट गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहस्थ के लिए अभी 18 विभागों के 568 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके है।
इस आयोजन की तैयािरियों के तहत 18 करोड़ रूपये का शंकराचार्य चौराहा से दत्त अखाड़ा, भूखीमाता, उजडख़ेड़ा हनुमान से उज्जैन बडऩगर मार्ग का निर्माण, 18 करोड़ रूपये का खाक-चौक, वीर सावरकर चौराहा, गढक़ालिका, भर्तहरीगुफा से रंजीत हनुमान तक मार्ग एवं क्षिप्रा नदी पर पुल का निर्माण, 40 करोड़ रूपये से सिद्धवरकूट से कैलाश खोह तक सस्पेंशन ब्रिज पहुंच मार्ग प्रोटेक्शन कार्य सहित 1692 करोड़ रूपये से इंदौर उज्जैन विद्यमान 4 लेन मार्ग का 6 लेन मय पेव्हड शोल्डर मे हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल अंतर्गत उन्नयन एवं निर्माण, 950 करोड़ रूपये से इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड 4 लेन परियोजना का हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर निर्माण कार्य, 75 करोड़ रूपये से महाकाल लोक कॉरीडोर में स्थित फाइबर की प्रतिमाओं के स्थान पर पाषाण प्रतिमाओं का निर्माण, स्थापना एवं आवश्यक विकास कार्य और कुम्भ संग्रहालय, काल गणना शोध केन्द्र उज्जैन का अनुरक्षण एवं विकास कार्य शामिल है। अपर मुख्य सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास नीरज मंडलोई ने बताया कि अभी तक सिंहस्थ-2028 के लिये 18 विभागों के 568 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए है, जिनकी अनुमानित लागत 15 हजार 567 करोड़ रूपये है। इन कार्यों में विभागीय, सिंहस्थ मद और बीओटी आदि के कार्य शामिल है। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने जानकारी दी कि इंदौर में लव-कुश चौराहे से उज्जैन तक नवीन मेट्रो लाइन बिछाए जाने का सर्वेक्षण कार्य दिल्ली रेल मेट्रो कॉर्पोरेशन को सौंपा गया है।
यादव ने कहा, सिंहस्थ के माध्यम से भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा

मध्यप्रदेश की पहचान धार्मिक नगरी उज्जयिनी में होने वाले सिंहस्थ को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, कि वैश्विक आयोजन सिंहस्थ के माध्यम से भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। इसकी समुचित तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ज्योतिर्लिंग उज्जैन के महाकाल लोक और दूसरे ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान धार्मिक नगरी उज्जयिनी में प्रत्येक 12 वर्ष में होने वाले सिंहस्थ के रूप में होती है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि इस दृष्टि से सिंहस्थ प्रदेश के साथ ही राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। पूरे विश्व में इसकी गूंज होती है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएं  देने के लिए नये निर्माण कार्य भी कराए जा रहे हैं। साथ ही वर्तमान सुविधाओं का उन्नयन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ की सफलता के लिये अभी से तैयारियां शुरू करनी होगी। इन सभी कार्यों को शासकीय विभागों और अन्य उपक्रमों के तालमेल के साथ पूर्ण करने के लिये जुटना होगा।