उज्जैन की मंडी में गेहूं 3601 रुपया क्विंटल तक बिका
उज्जैन । बीते दिनों कृषि उपज मंडी में नीलामी के दौरान गेहूं के भाव 3601 रुपये क्विंटल तक पहुंच गए। यह सीजन से अब तक के रिकार्ड भाव बताए जा रहे हैं। सोयाबीन की आवक तो बढ़ गई, लेकिन भाव में तेजी नदारद है। इस साल गेहूं के भाव तेजी की ओर अग्रसर है।
कुछ दिनों पहले नीलामी में लोकवन गेहूं के भाव 3601 रु. क्विंटल दर्ज किए गए। पूर्णा गेहूं चमक वाला 2998 क्विंटल तक बिकने लगा है। मिल क्वालिटी गेहूं की मांग मजबूत है। आटा मैदा मिल वालों की लेवाली बनी हुई है। मंडी में 2700 से 2800 रु. क्विंटल तक बिकने लगा है। सीजन से अब तक गेहूं में 500 से 700 रु. क्विंटल की तेजी आ गई है। गेहूं की तेजी का असर आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ने लगा है। आटा 32 से 36 रु. किलो तक मिल रहा है। हालांकि गेहूं की तेजी को थामने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। स्टाक सीमा लागू कर दी गई है। निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद तेजी जारी है। इसका कारण गेहूं की काफी कमी है।
मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पर्याप्त बरसात के चलते रबी के सीजन में गेहूं की बोवनी बढ़ने की संभावना के चलते गेहूं के बिजवारे की मांग भी मजबूत है। ऐसे में सरकार के उपाय नकारा साबित हो रहे हैं। अन्नदाताओं को गेहूं के भाव भले ही काफी ऊंचे मिल रहे हैं, लेकिन गोल्ड फसल सोयाबीन के भाव नहीं मिल पा रहे हैं। शनिवार को मंडी नीलामी में सोयाबीन की आवक करीब 9 हजार बोरी की रही। हालांकि शुक्रवार को आवक का आंकड़ा 13 हजार बोरी तक छू गया था। किसानों को 4 हजार से 4,700 रुपया क्विंटल के भाव मिले।
सोया प्लांट वालों ने 4650 रुपये में खरीदी की
अधिकांश सोयाबीन के भाव 4200 से 4500 रुपया क्विंटल के रहे। सोया प्लांट वालों ने 4650 रुपये क्विंटल में खरीदी की। कारोबार करीब 4 करोड़ का रहा। जिले में भले ही किसानों को उत्पादन काफी कम मिल रहा है, लेकिन सोयाबीन प्रोसेस के संगठन सोपा के अनुसार इस साल देश में सोयाबीन का उत्पादन गत वर्ष से अधिक है। आगामी दिनों में बंपर आवक होने पर 200 रुपये क्विंटल मंदी की धारणा है। इन दिनों अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सोया खली में मंदी बनी हुई है।