आबकारी विभाग को 16 हजार करोड़ रूपये का राजस्व लक्ष्य
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश में शराब की अवैध बिक्री सख्ती से रोक लगाई जाए साथ अपराध पर कड़ी कारवाई की जानी चाहिए। श्री देवड़ा ने भोपाल स्थित पर्यावरण अध्ययन संस्थान (इप्को) में आयोजित नवीन आबकारी नीति/आबकारी व्यवस्था वर्ष 2025-26 के निर्धारण के संबंध में मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के लायसेंसियों की कार्यशाला में कही। उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने आसवक एवं देशी/विदेशी मदिरा विनिर्माताओं एवं बार-लायसेंसियों के साथ भी बैठक की। श्री देवड़ा ने वाणिज्यक कर विभाग की उपलब्धियों को लेकर भी चर्चा की।
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनका कर्तव्य है कि अधिकारी अपने मुख्यालय पर रहकर कार्यों के प्रति सजग रहें। उन्होने कहा कि किसी भी परिस्थिति में मदिरा का अवैध परिवहन ना हो तथा संगठित अपराधियों के विरूद्व कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदेश में शराब के अवैध कारोबार पर पैनी नजर रखी जाएगी और जहां भी अवैध कारोबार या कालाबाजारी की सूचना मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को राजस्व देने में वाणिज्यकर विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य 16 हजार करोड़ रूपये है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी के समन्वित प्रयास से यह लक्ष्य भी हम प्राप्त कर लेगें।
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा निरंन्तर नए-नए नवाचार किये जा रहें हैं। विभिन्न राज्यों की आबकारी नीति का अध्ययन किया जा रहा है। उनकी अच्छाईयों को प्रदेश की आबकारी नीति में संम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नीति तभी ठीक होगी जब अनुभवी लोगो से बात की जायेगी। कार्यशाला में प्रदेश के मदिरा व्यावसायियों एंव ठेकेदारों द्वारा उप मुख्यमंत्री को अपनी समस्या से भी अवगत कराया गया। उप मुख्यमंत्री श्री देवडा ने कहा कि अगर समस्या है तो उसका समाधान भी सरकार करेगी। कठिनाईयों को दूर किया जायेगा। सरकार बहुत सजग है। उन्होनें विभागीय अधिकारियों का निर्देश दिये कि प्रदेश के शराब व्यावसायियों की समस्या को हल करने का प्रयास करे। श्री देवड़ा ने कहा कि प्रदेश के राजस्व प्राप्ति में आबकारी विभाग का अहम भागीदारी रहती है।
कार्यशाला में उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि आबकारी विभाग के द्वारा ई-आबकारी पोर्टल के माध्यम से लायसेंसियों को अनेक सुविधाऐं प्रदान की गई हैं, जिससे अधिक पारदर्शिता के साथ कार्य संम्पादित किये जा रहें हैं तथा राजस्व में निरंन्तर वृद्धि हो रही है। लायसेंसी भी नियमानुसार अपनी दुकान एवं बार का संचालन करें, विभाग द्वारा किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर लायसेंसियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जावेगी।