पीएम मोदी ने बोली ’मन की बात’…..साइबर अपराधों की घटना पर किया जागरूक
देशभर में लगातार सामने आ रही डिजिटल अरेस्ट और साइबर अरेस्ट की घटनाओं को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने कार्यक्रम मन की बात में इसको लेकर लोगों को जागरुक किया। उन्होंने एक वीडियो दिखाया और बताया कि किस तरह साइबर ठग पुलिस या जांच एजेंसी के अफसर बनकर लोगों को धमकाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को सचेत करते हुए इससे बचने के लिए मंत्र दिया। पीएम ने कहा- मैं आपको डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताता हूं, ये तीन चरण हैं – ‘रुको, सोचो और एक्शन लो’।
पहला चरण – कॉल आते ही, ‘रुको’ घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें, संभव हो तो स्क्रीनशॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें।
दूसरा चरण है ‘सोचो’- कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर ऐसे धमकी नहीं देती, न ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है, न ही ऐसे पैसे की मांग करती है अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है।
तीसरा चरण है ‘एक्शन लो’। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें, cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें, परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें। मोदी ने कहा कि साइबर अपराधियों के पास आपकी सारी जानकारी होती हैं। आप क्या करते हैं, आपके बच्चे कहा पढ़ते हैं। वे वीडियो कॉल करके खुद को पुलिस की वर्दी या सरकारी दफ्तर में बैठे हुए दिखाते हैं। वो लोगों को धमकाते हैं और जल्द फैसला लेने की बात कहते हैं। इस दौरान व्यक्ति पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की जाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है, ये सिर्फ फ्रॉड है, फरेब है, झूठ है, बदमाशों का गिरोह है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वो समाज के दुश्मन हैं। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर जो फरेब चल रहा है, उससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियाँ, राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए नेशनल साइबर को-ऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की गई है।