सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा रोकने की कवायद, आघार और पैन कार्ड लिंक कराना होगा जरूरी, ताकि मिल सकेगी जरूरतों को योजनाओं का लाभ
उज्जैन। उज्जैन जिले में ऐसे कई लोग है जिन्हें पात्र होने के बाद भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। दरअसल इसके पीछे कारण यही सामने आता रहा है कि योजनाओं में फर्जीवाड़ा होता है, लेकिन अब सरकार केन्द्रीय मदद वाली योजनाओं में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कदम उठा रही है ताकि पात्र व जरूररतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके।]
भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश की सरकारी योजनाओं में हितग्राहियों को आर्थिक मदद देने को लेकर अब फर्जीवाड़े खत्म करने शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। आधार और पैन कार्ड लिंक से लेकर आधार मैपिंग तक को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। केंद्रीय मदद वाली विभिन्न डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर वाली योजनाओं में से चुनिंदा में लागू कर दिया है। इससे एक ही क्लिक पर हितग्राही की पूरी मदद सामने आ जाएगी और फर्जीवाड़े की आशंका कम होगी। आधार और पैन कार्ड लिंक हितग्राही मूलक योजनाओं में लागू कर दिया जाएगा। तीन चरण में यह काम होगा। पहले चरण में केंद्रीय मदद वाली योजनाओं में लागू किया जाना है। दूसरे चरण में सरकार के विभिन्न विभागों के तहत अन्य योजनाओं में अमल होगा। तीसरे चरण में सरकारी राशि के ट्रांसफर में अपनाया जाएगा। इसमें सर्विस भुगतान, उत्पाद भुगतान, टेंडरिंग आदि आएंगे। आधार कार्ड व पैन कार्ड लिंकअप करने को लेकर सबसे बड़ी वजह सरकारी मदद वाली योजनाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है। बार-बार शिकायतें आई हैं और केस भी पकड़ाए हैं, जब एक ही नाम पर एक से ज्यादा योजनाओं में पात्रता के विपरीत मदद ली गई। एक ही नाम पर दो बार सहायता के केस भी है। इसे रोकने में आधार-पैन कार्ड लिंक महत्त्वपूर्ण है। इससे डाटा मैपिंग पहले ही हो जाएगी। इसके अलावा केंद्र के स्तर पर टैक्स वसूली में भी सरकार को आसानी होगी। वर्तमान में आधार व पैन कार्ड को लिंक करने के लिए एक हजार रुपए लगते हैं। प्रदेश में किसी भी कियोस्क सेंटर से आसानी से हो सकता है। 24 घंटे में अपडेशन हो जाता है। 30 जून तक यह फ्री था, लेकिन बाद में फीस तय कर दी गई। केंद्र ने सभी के लिए आधार-पैन को लिंक कराना अनिवार्य किया है। बावजूद इसके 75 फीसदी से ज्यादा यूजर्स ने नहीं अपनाया है। अब प्रदेश की योजनाओं में सख्ती होती है तो इसकी संख्या बढ़ेगी। सूबे में किसान, महिला और युवा सरकार के बड़े हितग्राही वर्ग हैं। मोटे तौर पर सूबे में करीब एक करोड़ किसान हैं। वहीं करीब 3.5 करोड महिलाएं हैं। इन दोनों वर्गों में 70 फीसदी से ज्यादा वर्ग किसी न किसी सरकारी मदद के दायरे में आता है। 15 से 29 साल के किशोर-युवा वर्ग करीब दो करोड़ हैं। इनमें उच्च, तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा के स्तर के युवा सरकारी मदद के दायरे में आएंगे।