सरकार कलेक्टर्स के जरिए बिजली बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं की बकाया वसूली कराएगी 

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बिजली के बिलों की राशि वसूली के लिए अब पुलिस की भी ली जाएगी मदद

उपभोक्ताओं से संबंधित सभी जानकारी जुटाई जा रही है, परिजनों की भी जानकारी शामिल

उज्जैन। शहर में यदि कोई बिजली के बिल की राशि नहीं चुका रहा है तो उसे सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि बिजली कंपनी अब बिल राशि वसूली के लिए जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस की भी मदद लेने वाली है।

हालांकि ऐसा बड़े बकायादारों के साथ ही होगा। बावजूद इसके अब बिजली का बिल जमा करने में कोताही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूरे प्रदेश के साथ ही अब जिले में भी बिजली कंपनी बिल वसूली के लिए सख्ती कर रही है। अब बिजली विभाग बेहद सख्त हो गया है। यही वजह है कि उसके द्वारा हर हाल में बिजली बिलों की राशि वसूलने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत उपभोक्ता से संबंधित सभी तरह की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें उपभोक्ता के परिवार की भी जानकारी शामिल है। इस वसूली में जिला प्रशासन से लेकर पुलिस तक की मदद ली जाएगी।

बैंक अकाउंट्स की जानकारी अब सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी को रखनी होगी

दरअसल, इस समय तीनों कंपनियों के उपभोक्ताओं पर 11,560 करोड़ रुपए बकाया हैं। इस पर 3173 करोड़ रुपए का अधिभार भी है।  बकाया बिलों की वसूली के लिए अब तय किया गया है कि बिजली बिल बकाया है तो इसकी वसूली आपके साथ आपके घर में रहने वाले पिता, मां, भाई, बहन, पत्नी में से किसी एक के बैंक अकाउंट से की जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश में बिजली कंज्यूमर्स और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट्स की जानकारी अब सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी को रखनी होगी। इन बैंक अकाउंट की जानकारी मिलने के बाद सरकार कलेक्टर्स के जरिए बिजली बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं की बकाया वसूली कराएगी। राज्य शासन ने इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह कमेटी कंज्यूमर की केवाईसी कराएगी। डेटा एनालिसिस के आधार पर ऐसे कंज्यूमर्स की पहचान की जाएगी, जो सक्षम होने के बाद भी बिजली का पूरा बिल नहीं देकर गलत लाभ ले रहे हैं। हालांकि, कितना बकाया होने पर इस तरह की कार्रवाई की जाएगी और परिवार के सदस्यों से बैंक अकाउंट से वसूली किस तरह की जाएगी।

बिजली सब्सिडी को भी सरकार घटाने की तैयारी

मध्यप्रदेश में अटल गृह ज्योति स्कीम में मिल रही बिजली सब्सिडी को भी सरकार घटाने की तैयारी में है। अभी हर घरेलू उपभोक्ता को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी जा रही है। अब इतनी ही यूनिट बिजली 150 रुपए में देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सब्सिडी घटाने के लिए दो और बदलाव की तैयारी है। पहला- अभी सब्सिडी की पात्रता 150 यूनिट तक है। इसे 100 यूनिट पर सीमित किया जाएगा। दूसरा- 100 से 150 यूनिट तक की मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ता को ‘पीएम मुफ्त बिजली घर-सूर्य लक्ष्मी योजना’ से लाभ दिया जाएगा। इसका असर यह होगा कि सब्सिडी के दायरे से करीब 62 लाख घरेलू उपभोक्ता बाहर हो जाएंगे। अभी 108 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलता है।

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