सरकारी कर्मचारियों का सेवा रिकॉर्ड होगा पूरी तरह डिजिटल
एक क्लिक पर मिलेगी प्रदेश के सात लाख सरकारी कर्मचारियों की जानकारी
इंदौर। मप्र सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग राज्य के सात लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटल करने जा रहा है। यह पूरा काम इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
इसका उद्देश्य कर्मचारियों की सेवा संबंधी जानकारी को एक जगह सुरक्षित और सुलभ बनाना है, जिससे पेंशन, प्रमोशन, वेतन और ट्रांसफर से जुड़ी सारी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगी।
इस नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और प्रशासनिक अधिकारियों को भी बेहतर मॉनीटरिंग करने में आसानी होगी।
यह पोर्टल कर्मचारियों के सेवा में आने के समय से उनके आधार कार्ड से लेकर उनके पहले वेतन पाने के बाद उनकी नियुक्ति, प्रमोशन तक की जानकारी सब कुछ एक क्लिक पर उपलब्ध कराएगा। यह सिस्टम प्रत्येक कर्मचारी के खिलाफ लगे चार्जेस, प्रमोशन की स्थिति, पेंशन से जुड़ी
आवश्यक जानकारी और उनके ट्रांसफर रिकॉर्ड्स भी तुरंत बता देगा।
कर्मचारियों को आसानी से मिलेगा अपना रिकॉर्ड —-
इस सुविधा से कर्मचारियों को पेंशन प्रक्रिया में किसी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने होंगे। पेंशन से जुड़े सभी दस्तावेज और जानकारी अपडेटेड फॉर्मेंट में उपलब्ध होगी। कर्मचारी अपने वेतन, भत्ते, एरियर सही मिल रहे है या नहीं सब कुछ जान सकेंगे।
उनके प्रमोशन और अन्य सुविधाओं का रिकॉर्ड की भी जानकारी पोर्टल पर रहेगी।
विभाग को निर्णय लेने में होगी आसानी सामान्य प्रशासन विभाग के हामून रिसोर्स पोर्टल के जरिए कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ लगे चार्जेस और उनके खिलाफ हुई कार्रवाई की भी जानकारी उपलब्ध होगी।
इससे विभाग उनको नियुक्ति को लेकर निर्णय ले सकेगा कि उनको कहा तैनात करना है या कहां नहीं। साथ ही उनके वेतन, प्रमोशन से लेकर विभागीय जांच की स्थिति की मॉनीटरिंग करने में आसानी होगी।
एक माह में रिकॉर्ड पोर्टल पर आ जाएगा —
एक महीने में पूरा रिकॉर्ड पोर्टल पर आ जाएगा। इसमें हर कर्मचारी की नियुक्ति से लेकर उनके सेवानिवृत्त होने तक की पूरी जानकारी अपलोड होगी।
इससे कर्मचारियों के साथ ही विभाग को भी जानकारी देखने और कोई निर्णय लेने में आसानी होगी।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा कि सरकार द्वारा जो ई ऑफिस बनाने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है।
पूरी तरह से कंप्यूटराइड नहीं हो पाए। अब यदि होता है तो हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन इसके लिए ठोस तरीके से काम करने और इच्छाशक्ति की जरूरत है।