मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा….कुछ को करना होगा बंद तो कुछ कॉलेजों का निरीक्षण बाद होगा फैसला
इन्दौर। नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े को लेकर हाईकोर्ट द्वारा गठित समिति ने भी अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। सीबीआइ जांच में जो कॉलेज दागार साबित हुए थे और उनमें कमियां मिली थीं, उन्हीं की जांच उक्त समिति ने की है। खास बात यह है कि समय रहते अनेक कॉलेजों ने कमियां दूर ही नहीं कीं हैं।
ऐसे कॉलेजों को बंद करने की प्रक्रिया शुरु की जा सकती है। ली फिलहाल समिति अभी कुछ कॉलेजों का निरीक्षण करेगी, जिसके बाद कोई फैसला लिया जा सकेगा। हाईकोर्ट ने समिति द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट को मप्र नर्सिंग काउंसिल को भेजा है। नर्सिंग कॉलेजों के संबंध में के बताया गया है कि अनेक जगहों पर अस्पताल नहीं हैं।
अधिकांश पर गों फैकल्टी को समय पर वेतन नहीं देने की बात उजागर हुई है। समिति ने समय पर कमियां दूर नहीं कर पाने वाले 02 सरकारी समेत 34 नर्सिंग कॉलेजों को अनसूटेबल बताया है।
बहरहाल समिति कुछ नर्सिंग कॉलेजों का और निरीक्षण करेगी, इसके बाद ही कोई फैसला लिया जा सकेगा। यहां बताते चलें कि जांच समिति ने जिन कॉलेजों को अनसूटेबल बताया है, उनके विद्यार्थियों को सूटेबल कॉलेजों में शिफ्ट करने की भी सिफारिश कर दी है।
जांच समिति में रिटायर्ड हाईकोर्ट जज आरके श्रीवास्तव अध्यक्ष हैं, जबकि रिटायर्ड आइएएस आरएस जुलानिया और इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी अमरकंटक के कुलपति प्रकाशमणि त्रिपाठी इसके सदस्य हैं। सरकारी सूटेबल कॉलेजों में गवर्नमेंट स्कूल ऑफ नर्सिंग हमीदिया हॉस्पिटल, भोपाल।
गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज जेएएच हॉस्पिटल, ग्वालियर। गवर्नमेंट जीएनएम स्कूल, सतना। गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर। गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग मेन हॉस्पिटल, दतिया। भोपाल नर्सिंग कॉलेज बीएमएचआरसी, भोपाल और शासकीय नर्सिंग कॉलेज, रीवा। निजी सूटेबल कॉलेजों में ग्रेसियस कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लालबर्रा (बालाघाट)। चिरायु इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस, छिंदवाड़ा। राधा रानी नर्सिंग कॉलेज, शहडोल। पं. रामगोपाल तिवारी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अनूपपुर। रिलायंस इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग, अनूपपुर। मेकलसुता नर्सिंग कॉलेज, डिंडोरी हैं। इसी के साथ श्रीरावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, मंडला को भी सूटेबल माना गया है, लेकिन फैकल्टी को समय पर वेतन देने के निर्देश के साथ ही एमएससी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है।
जिनमें मिली कमियां या अनसूटेबल कॉलेजों में श्री सदगुरु साईनाथ नर्सिंग कॉलेज, रीवा। सौदामिनी इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड रिसर्च, रीवा। एचआइसीटी नर्सिंग कॉलेज, ग्वालियर। जेएसआर ग्लोबल नर्सिंग कॉलेज, भोपाल।
गायत्री विद्यापीठ खरगोन। आयुष कॉलेज ऑफ नर्सिंग मकोड़ा, ग्वालियर। राधा कृष्ण नर्सिंग कॉलेज सेंधवा बड़वानी और विजन कॉलेज ऑफ नर्सिंग, बैतूल। हैं।
वे कॉलेज जो हैं अनसूटेबल और बंद करने के दिए गए निर्देश श्री सदगुरु साईनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रीवा- इस कॉलेज को अनसूटेबल घोषित किया गया है और इसे बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
पं. टीपी शुलिा कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अनूपपुर यह कॉलेज भी अनसूटेबल घोषित किया गया है और इसे बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्तिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर इस कॉलेज को अनसूटेबल घोषित किया गया है और इसकी बंदी के निर्देश दिए गए ।
जबलपुर पिलक कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर इसे भी अनसूटेबल बताया गया है और इसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
स्मिता कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर यह कॉलेज भी अनसूटेबल है और इसे बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्रीरावतपुरा सरकार कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर इस कॉलेज
को भी अनसूटेबल घोषित किया
गया है और इसे बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
एनएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, छिंदवाड़ा इस कॉलेज को अनसूटेबल घोषित किया गया है और बंद करने के आदेश दिए गए हैं। विजडम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, कटनी- इसे अनसूटेबल माना गया है और इसे बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। सतपुड़ा नर्सिंग को-एड कॉलेज, तामिया, छिंदवाड़ा यह कॉलेज भी अनसूटेबल पाया गया है और सीबीआई ने इसकी कमियों को उजागर किया है, लेकिन सुधार की प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर इसे बंद किया जा सकता है।
एनआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, भोपाल इस कॉलेज को सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।