पिछले माह स्ट्रीट डॉग की दहशत से 7 साल की मासूम बालिका की मौत हो गई ।
उज्जैन। शहर में स्ट्रीट डॉग का आतंक कम नहीं हो रहा है। सोमवार शाम 6 साल के मासूम पर हमला किया। मासूम का चेहरा बुरी तरह जख्मी हुआ है, परिजनों ने उसे चरक भवन में उपचार के लिये भर्ती किया है। पिछले माह स्ट्रीट डॉग की दहशत से 7 साल की मासूम बालिका की मौत हो गई थी। कमलानेहरू नगर में रहने वाले 6 साल के हर्षित पिता भूपेश तिवारी को परिजन शाम को चरक भवन लेकर पहुंचे थे। हर्षित का चेहरा आंखों के ऊपर बुरी तरह से जख्मी था। परिजनों ने बताया कि आवारा कुत्ते ने हमला किया है। मासूम के बुरी तरह से जख्मी होने पर डॉक्टरों ने तत्काल उसे उपचार के लिये भर्ती किया। परिजनो का कहना था कि घर के बाहर खेल रहा था, परिवार के सदस्य भी बाहर बैठकर पडोसी से बातचीत कर रहे थे, उसी दौरान कुत्ता दौड़ते हुए आया और पहले पैर पकड़ा, हर्षित गिर गया और उसका चेहरा नोंच लिया। परिवार और आसपास के लोगों ने दौड़कर बचाया, लेकिन हर्षित लहूलुहान हो गया था। शहर की गली-मोहल्लों और प्रमुख मार्गो पर दौड़ते स्ट्रीट डॉग का आतंक कम नहीं हो पा रहा है। 4 अक्टूबर को सेंटमेरी स्कूल में पढ़ने वाली 7 वर्षीय मासूम को घर के बाहर खेलते समय स्ट्रीट डॉग को देख बुरी तरह दहशत में आ गई और हार्ट बीट बढ़ने से उसकी मौत हो गई थी। जिसको लेकर परिजनों ने ढाबारोड-कमरी मार्ग पर चक्काजाम किया था। इससे पहले सिंतबर माह में गणेशनगर में रहने वाले 17 वर्षीय किशोर की स्ट्रीट डॉग के काटने पर 20 दिन चले उपचार के बाद मौत हो गई थी। यहीं नहीं कुछ माह पहले बोहरा समाज के एक वृद्ध की स्ट्रीट डॉग के हमले में घायल होने के बाद उपचार के दौरान मौत होना सामने आया था। यहीं नहीं स्ट्रीट डॉग के हमले का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें सुबह के समय स्कूटी से 2 बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रही महिला का संतुलन बिगड़ा था और दोनों बच्चे घायल हो गये थे। महाकाल मंदिर परिसर में भी स्ट्रीट डॉग कई श्रद्धालुओं को अपना शिकार बना चुके है।
घटनाक्रम के बाद दिखावे की धरपकड़ आवारा कुत्तो और मवेशियों को पकड़ने का काम नगर निगम गैंग के पास है, लेकिन लगातार धरपकड अभियान नहीं चलाया जा रहा है। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमले के बाद कुछ दिन मंदिर परिसर में गैंग दिखाई दी थी, वहीं सात वर्षीय मासूम की दहशत में आने के बाद हुई मौत और चक्काजाम होने पर निगम गैंग क्षेत्र में पहुंची थी और कुछ स्ट्रीट डॉग पकड़े थे। जब भी बड़ा मामला सामने आता है, निगम की गैंग मैदान में आ जाती है, लेकिन एक-दो दिन बाद गैंग दिखाई नहीं देती है।
प्रतिदिन 3 से 4 मामले आ रहे सामने
स्ट्रीट डॉग के हमले में घायल होने के प्रतिदिन 3 से 4 मामले सामने आ रहे है। जिला अस्पताल के बाद अब चरक भवन में स्ट्रीट डॉग का शिकार होने वाले लोग उपचार के लिये पहुंच रहे है। इस वर्ष कुत्तों के काटने के 3 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के भी शामिल है। चरक भवन में निशुल्क रेबिज वैक्सीन के 3 से 5 डोज लगाये जाते है। स्ट्रीट डॉग के काटने के मामले अधिकांश सुबह और शाम के समय होते है।