इंदौर। मध्य प्रदेश में आरटीओ की अनदेखी से हर कोई अपने निजी वाहनों पर मध्य प्रदेश सरकार और राज्य शासन जैसे शब्द लिखवा कर बेतहाशा इसका – दुरुपयोग कर रहे है।
जबकि नियम – के मुताबिक, केवल सरकारी – वाहनों पर ही ऐसे शब्दों का प्रयोग – किया जाना चाहिए, लेकिन – आरटीओ के सुस्त व ढीले रवैये के – चलते निधमों को ताक पर रख कई – लोग खुलेआम नियमो की – धज्जियां उड़ा रहे हैं।
जबकि शहर की सड़कों पर – निजी वाहन इन शब्दों का इस्तेमाल – करते हुए धड़ल्ले से दौड़ रहे जैसे मानो कानून उनके लिए चुटकी बजाते ही बादल जाता हो।
कहावत है कि अंधेर – नगरी चौपट राजा जिसे चरितार्थ किया जा रहा है तो इसी – की तर्ज पर आरटीओ की यह ढुलमुल नीति सड़क सुरक्षा को मजाक बना रही है।
टोल नाके पर निकल रहे हैं बिना जांच के- टोल नाकों पर ये वाहन बिना किसी जांच के निकल जाते हैं, और आरटीओ के अधिकारी मानो कुम्भकर्ण की नींद में हो वन्ही आम जनता भी भ्रमित हो रही है कि कौन सा वाहन सरकारी है और कौन सा नहीं।
यह स्थिति न केवल कानून के उल्लंघन को बढ़ा देती है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का भी प्रतीक है। कहावत है चिराग तले अंधेरा-आरटीओ के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को ताक पर
रखकर कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
जनता के बीच प्रशासन की इस ढुलमुल नीति से अव्यवस्था बढ़ रही है। अगर आरटीओ विभाग जल्द ही सख्ती से कदम नहीं उठाता है तो यह समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है।