दीपों की जगमग से दमक उठेगा शिप्रा का आंचल….कल कार्तिक पूर्णिमा का होगा स्नान

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उज्जैन। कल शुक्रवार 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है और इस अवसर पर जहां सुबह से शाम तक शिप्रा में श्रद्धालुओं द्वारा स्नान कर पूर्णिमा का पुण्य प्राप्त किया जाएगा तो वहीं शाम से रात तक शिप्रा का आंचल दीपों की जगमग से दमक उठेगा। दरअसल शाम के समय दीपदान होगा।

ज्योतिषियों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा के साथ ही अन्य पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने के साथ ही दान व दीपदान करने का महत्व है। दीपदान करने से पितरों की प्रसन्नता भी प्राप्त होती है, लिहाजा उज्जैन के शिप्रा तट पर कल सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता स्नान के लिए लगेगा तो वहीं शाम के समय दीपदान करने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामघाट  पर पहुंचेंगे। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पूर्णिमा तिथि हर माह के आखिरी दिन पड़ती है। वैसे तो सभी माह पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का महत्व है लेकिन कार्तिक माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि बेहद ही कल्याणकारी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ से हमारे सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं और भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर हो रही है। जिसका समापन अगले दिन 16 नवंबर को देर रात्रि को 02 बजकर 58 मिनट पर होगा।  हिंदू धर्म में उदया तिथि सर्वमान्य तिथि होती है।  ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 58 मिनट से सुबह 05 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।  वहीं, इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा का शुभ समय सुबह 06 बजकर 44 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।  कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 4 बजकर 51 मिनट पर होगा।

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