उज्जैन शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब हुआ, प्रदेश के तीन सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने के मामले में में उज्जैन प्रदेश के तीन चार शहरों में शामिल हो गया है।हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा भी इस संबंध में चेतावनी जारी की गई है। उज्जैन में औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियों और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण के उत्सर्जन के कारण एयर क्वालिटी खराब होती जा रही है।
उज्जैन जैसे शांत एवं पवित्र नगर में एयर क्वालिटी इंडेक्स महाकाल मंदिर क्षेत्र में 172.71 से लेकर 184 तक पहुंच गया है। दिल्ली जैसे मोस्ट पोल्यूटेड शहर से तुलना करें तो वहां नई दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 335 है। जबकि हमारे यहां औद्योगिकरण भी नगण्य हैं। प्रदूषण के पैमाने पर उज्जैन शहर का पी एम 2.5 का माप 106 तथा पी एम 10 का पैमाना 71 है जो कि अस्वस्थ कर एवं पुवर श्रेणी में आता है।
उज्जैन शहर में वायु प्रदूषण की बढ़ती स्थिति पवित्र शहर की छवि को खराब करने वाली है। यहां पर देवास रोड स्थित उद्योग क्षेत्र, मक्सी रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र एवं आगर रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र बायो वेस्ट और डीजल जलाकर कम ऊंचाई के बम्बो (चिमनियों) से खूब धुंआ वातावरण में छोड़ते हैं। प्रदूषण निवारण मंडल का यहां पर क्षेत्रीय कार्यालय है फिर भी औद्योगिक क्षेत्र की कभी जांच व कार्रवाई नहीं होती है। देवास रोड स्थिति औद्योगिक इकाइयां लगातार धुआं छोड़कर आसपास की कॉलोनी में प्रदूषण फैलाती रहती है। देवास रोड स्थित पार्श्वनाथ सिटी, शिप्रा विहार, नेहरू नगर, आदर्श नगर और अन्य कॉलोनी प्रदूषण से परेशान है। इसी तरह मक्सी रोड के औद्योगिक प्रदूषण से पंड्या खेड़ी ब,कैलाश अंपायर और कई अन्य कॉलोनी प्रभावित रहती है।आगर रोड ढांचा भवन के आसपास की औद्योगिक इकाइयां से चिमनगंज मंडी क्षेत्र में की मनीपार्क कॉलोनी, इंदिरानगर, गायत्रीनगर आदि प्रभावित हैं। यही नहीं इनके द्वारा धुआं छोड़ने से संपूर्ण शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होता है।
उज्जैन नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल
उज्जैन शहर में बढ़ते हुए वायु प्रदूषण को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा शहर को वर्ष 2019 में ही नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है। यहां की हवा को साफ करने के लिए सरकार द्वारा ग्रांट भी दी जाती है। मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, देवास के साथ उज्जैन भी इस कार्यक्रम में शामिल है। जहां धूल धुआँ कम करना प्रमुख उद्देश्य है। वर्ष 2019 की तुलना में उज्जैन शहर की हवा में पीएम 2.5 का स्तर आठ प्रतिशत बढ़ा है। जिला प्रशासन की ओर से उज्जैन की औद्योगिक इकाइयों को सितंबर 2023 में पीएनजी सप्लाई करने में ढाई रुपए प्रति किलो से रेट में कमी करवाई गई थी। फिर भी कई औद्योगिक इकाइयां पीएनजी कनेक्शन नहीं ले रही है ऐसी इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए।