भस्मारती में हाथों पर बैंड से प्रवेश शुरू, पहले दिन कलेक्टर चेक करने पहुंचे – महाकाल मंदिर समिति ने फर्जी प्रवेश रोकने के लिए की नई हाइटेक व्यवस्था – हाइटेक सुविधा से एक घंटे में एक हजार श्रद्धालुओं की स्कैनिंग की जा सकेगी भस्मारती गेट पर श्रद्धालुओं के बैंड चेक करते कलेक्टर सिंह।
। दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल की भस्मारती में श्रद्धालुओं को विशेष पहचान के लिए अब हाथों में बैंड बांधकर प्रवेश देना शुरू कर दिया गया है। मंदिर प्रबंध समिति ने शुक्रवार से यह नई हाईटेक व्यवस्था की शुरुआत की। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह भी पहले दिन इसे चेक करने पहुंचे। उन्होंने खुद मंदिर के प्रवेश द्वार पर खड़े होकर भस्मारती करने वाले श्रद्धालुओं के हाथों पर बंधा यह बैंड चेक किया।
मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि भस्मारती के दौरान इससे अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई जा सकेगी। बैंड से यह पता चल सकेगा कि असल में कितने भक्तों को अनुमति दी गई है और कितने भक्तों ने मंदिर के अंदर प्रवेश किया है। श्रद्धालु को आधुनिक तरीके से मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। यह ठीक वैसा ही है जैसे किसी बड़े कनसर्ट, पब और बड़े स्टेज शो में होता है, जहां एंट्री के समय कलाई पर इस तरह का बैंड बांध दिया जाता है। मंदिर में इस व्यवस्था से एक घंटे में 1000 श्रद्धालुओं की स्कैनिंग की जा सकेगी अभी इसमें काफी समय लग जाता था।सभी को पहनना अनिवार्य, मोबाइल नंबर बताने पर क्यूआर कोड से प्रिंटमंदिर के सभी भस्मारती काउंटरों पर इस बैंड की चेकिंग की जाएगी। यह चेकिंग मंदिर में प्रवेश के बाद होगी। बैंड की चेकिंग से फर्जी और अनधिकृत प्रवेश नहीं किया जा सकेगा। सभी श्रद्धालुओं को भस्मारती के दौरान इसे पहनना अनिवार्य होगा। महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन से जनरल व अवंतिका द्वार 01 पर श्रद्धालुओं द्वारा मोबाइल नंबर बताने के बाद रिस्ट बैंड पर क्यूआर कोड प्रिंट कर तत्काल श्रद्धालुओं को दिया जाएगा।मंदिर समिति को इस हाइटेक व्यवस्था से यह फायदा मिलेगा इस आधुनिक तरीके से भक्तों की एंट्री शुरू करने से श्रद्धालुओं को लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। – रिस्ट बैंड के उपयोग से श्रद्धालुओं जांच जल्द पूरी होगी। – इससे भक्तों को ज्यादा देर तक खड़ा नहीं रहना होगा। बार-बार स्कैनर या अनुमति दिखाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।