आज रात शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
नई दिल्ली। आज 17 नवम्बर रविवार की रात नौ बजकर सात मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इससे पूर्व भगवान बदरीनाथ का फूलों से शृंगार किया जाएगा। वहीं, रावल स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी की सखी बनकर उन्हें बदरीनाथ के गर्भगृह में विराजमान करेंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया भी अनूठी है। भगवान बदरीनाथ का छह माह तक आभूषणों से शृंगार किया जाता है, लेकिन कपाट बंद होने के दिन फूलों से शृंगार किया जाता है।मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करते रहेंगे। साथ ही मंदिर को दिन में बंद नहीं किया जाएगा। अपराह्न छह बजकर 45 मिनट पर सायंकालीन पूजा शुरू होगी। सात बजकर 45 मिनट पर रावल अमरनाथ स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कराएंगे। सभी देवताओं की पूजा अर्चना व आरती के बाद उद्धवजी व कुबेरजी को गर्भगृह से बाहर लाया जाएगा।