दिल्ली और हरदा में प्रयोग सफल होने के बाद अब इंदौर की सड़कों में अब कचरे और राख का उपयोग भी किया जाएगा
दैनिक अवन्तिका इंदौर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अपने निमार्णों में नए-नए प्रयोग कर रहा है, जो पर्यावरण सुधार के साथ ही सुविधाओं के लिए महत्वपूर्ण है। पहले फ्लाई ऐश (कोयले के दहन से निकलने वाला एक महीन पाउडर) और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग सड़क और ब्रिज ब्रिज ब बनाने में किया गया, अब कचरे (शहरी ठोस अपशिष्ट) का उपयोग अपने निमार्णों में करने की पहल शुरू की है।
दिल्ली से शुरूआत हो रही है, अभी इसका उपयोग हरदा पर बनने वाले मार्ग में किया जा रहा है अब वहीं प्रयोगों में आगे रहने वाले इंदौर में भी इसका उपयोग किया जाएगा। कचरे के उपयोग के पीछे स्वच्छता को बढ़ावा देने के साथ निस्तारण है, वहीं निर्माण में लगने वाले महंगे मटेरियल के उपयोग को भी कम करना है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमागों के निर्माण से जुड़ी सभी संस्थाओं के साथ ही सभी राज्यों को भी गाइडलाइन जारी कर दी है। ठोस अपशिष्ट के सड़क निर्माण में उपयोग की गाइडलाइन बना ली है। ठोस अपशिष्ट की प्रोसेसिंग से निकलने वाली मिट्टी से हाइवे निर्माण के दो पायलट प्रोजेक्ट सफल हो चुके हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक और फ्लाई ऐश पहले से हो रहा उपयोग मालूम हो, इंदौर-हरदा और इंदौर-एदलाबाद सड़क पर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है। डामर बचाने के लिए 0.5 प्रतिशत सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है। इसी तरह 28 लाख क्यूबिक मीटर फ्लाई ऐश का उपयोग हरदा रोड को बनाने में किया जा रहा है। इंदौर- राऊ, अर्जुनबड़ौद, रालामंडल ब्रिज पर भी फ्लाई ऐश का उपयोग किया जा रहा है। अब कचरे का भी उपयोग करने की पहल की जा रही है।
इंदौर के प्रोजेक्ट में हम फ्लाई ऐश और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं। मंत्रालय अब दिल्ली के प्रोजेक्ट के निर्माण में कचरे का उपयोग करने जा रहा है। इसके लिए इंदौर भ तैयार है।
– सुमेश बांझल, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआई