बटन दबाते ही स्क्रीन पर आ जाएंगे सरकारी आदेश और सर्कुलर
उज्जैन। शहर के उन लोगों या कर्मचारियों को सरकारी आदेश या फिर सरकार की तरफ से जारी सर्कुलरों को जानने के लिए इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि सूबे की मोहन सरकार आगामी नये वर्ष में विशेषकर मंत्रालय में ई ऑफिस प्रक्रिया को शुरू करने वाली है। इसके बाद संबंधित आदेश या फिर सर्कुलर बटन दबाते ही स्क्रीन पर सामने आ जाएंगे।
भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार नए साल में प्रदेश की भाजपा सरकार मंत्रालय में ई-ऑफिस प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही अब मंत्रालय में अब सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग समेत अन्य विभागों के पुराने आदेशों का डिजिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। इन्हें मंत्रालय के लिए गूगल सर्च की तर्ज पर डेवलप सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर का एक्सेस मंत्रालय के अधिकारियों के पास रहेगा। इस सॉफ्टवेयर में किसी भी डॉक्यूमेंट से संबंधित कुछ नाम या जानकारी लिखकर कमांड देनी होगी। इसके बाद उससे संबंधित आदेश, सर्कुलर स्क्रीन पर आ जाएंगे। इससे समय की बचत के साथ ही तुरंत फैसले लेने में मदद मिलेगी। पुराने दस्तावेजों की डिजिटाइजेशन से सरकारी कार्यालयों में आधुनिकता और दक्षता बढ़ेगी। इससे सरकार के कामकाज में पारदर्शिता आएंगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एक जनवरी से शुरु की जाने वाला इस नई व्यवस्था के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अब तक 20 हजार से ज्यादा दस्तावेज स्कैन हो चुके हैं। दरअसल, अधिकतर सेवाओं और नियम शर्तों से संबंधित आदेश और सर्कुलर सामान्य प्रशासन विभाग और वित्त विभाग निकालते हैं। अभी वित्त विभाग के आदेश स्कैन होना है। इसके अलावा दूसरे विभाग भी अपने विभाग से संबंधित आदेश और जरूरी निर्देशों को स्कैन कर अपलोड करना चाहते हैं तो उसकी प्रक्रिया कर सकेंगे। जीएडी कर्मचारियों से संबंधित आदेश और सर्कुलर समय समय पर जारी करता रहता है। ऐसे में किसी नए निर्णय से पहले उन आदेशों को पढऩा जरूरी होता है। इन फाइलों की खोजबीन के लिए अधिकारियों को बाबुओं पर निर्भर रहना पड़ता है। इसमें कई बार समय भी लगता है। अब डिजिटाइज्ड डॉक्यूमेंट्स को तुरंत एक्सेस किया जा सकेगा। इससे समय की भी बचत होगी। नई तकनीक से पुराने से पुराने डॉक्यूमेंट को सुरक्षित रखा जा सकेगा। इस नई प्रक्रिया में डिजिटल आर्काइविंग के माध्यम से दस्तावेजों को सुरक्षित रखना भी आसान होगा। आग लगने की घटना, किसी प्रकार से दस्तावेजों की अदला-बदली और गुम होने जैसी समस्याएं खत्म होंगी। इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।
भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार नए साल में प्रदेश की भाजपा सरकार मंत्रालय में ई-ऑफिस प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही अब मंत्रालय में अब सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग समेत अन्य विभागों के पुराने आदेशों का डिजिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। इन्हें मंत्रालय के लिए गूगल सर्च की तर्ज पर डेवलप सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर का एक्सेस मंत्रालय के अधिकारियों के पास रहेगा। इस सॉफ्टवेयर में किसी भी डॉक्यूमेंट से संबंधित कुछ नाम या जानकारी लिखकर कमांड देनी होगी। इसके बाद उससे संबंधित आदेश, सर्कुलर स्क्रीन पर आ जाएंगे। इससे समय की बचत के साथ ही तुरंत फैसले लेने में मदद मिलेगी। पुराने दस्तावेजों की डिजिटाइजेशन से सरकारी कार्यालयों में आधुनिकता और दक्षता बढ़ेगी। इससे सरकार के कामकाज में पारदर्शिता आएंगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एक जनवरी से शुरु की जाने वाला इस नई व्यवस्था के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अब तक 20 हजार से ज्यादा दस्तावेज स्कैन हो चुके हैं। दरअसल, अधिकतर सेवाओं और नियम शर्तों से संबंधित आदेश और सर्कुलर सामान्य प्रशासन विभाग और वित्त विभाग निकालते हैं। अभी वित्त विभाग के आदेश स्कैन होना है। इसके अलावा दूसरे विभाग भी अपने विभाग से संबंधित आदेश और जरूरी निर्देशों को स्कैन कर अपलोड करना चाहते हैं तो उसकी प्रक्रिया कर सकेंगे। जीएडी कर्मचारियों से संबंधित आदेश और सर्कुलर समय समय पर जारी करता रहता है। ऐसे में किसी नए निर्णय से पहले उन आदेशों को पढऩा जरूरी होता है। इन फाइलों की खोजबीन के लिए अधिकारियों को बाबुओं पर निर्भर रहना पड़ता है। इसमें कई बार समय भी लगता है। अब डिजिटाइज्ड डॉक्यूमेंट्स को तुरंत एक्सेस किया जा सकेगा। इससे समय की भी बचत होगी। नई तकनीक से पुराने से पुराने डॉक्यूमेंट को सुरक्षित रखा जा सकेगा। इस नई प्रक्रिया में डिजिटल आर्काइविंग के माध्यम से दस्तावेजों को सुरक्षित रखना भी आसान होगा। आग लगने की घटना, किसी प्रकार से दस्तावेजों की अदला-बदली और गुम होने जैसी समस्याएं खत्म होंगी। इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।