वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वर्ष 2000 से पहले के वाहन हटेंगे
उज्जैन ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के लिए दिए गए फण्ड का उपयोग नहीं किया
दैनिक अवन्तिका उज्जैन
उज्जैन, ग्वालियर, सागर और देवास एनसीएपी के तहत स्वीकृत धन का उपयोग करने में विफल रहे हैं। इन शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है। प्रदेश में सिंगरौली, पन्ना और मंडीदीप में एयर क्वालिटी एकदम खराब है।
प्रदूषण फैलाने वाले आॅटोमोबाइल के खिलाफ अभियान के पहले चरण में प्री-बीएस1 और बीएस1 युग के वाहनों को हटा दिया जाए। दूसरे चरण में प्रशासन बीएस2-युग के वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करे। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की कार्यकारी समिति के अधिकारियों के साथ बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव ने यह बात कही। वर्ष 2000 से पहले निर्मित वाहनों को प्री-बीएस1-युग श्रेणी में और वर्ष 2000 से 2001 के बीच निर्मित वाहनों को बीएस1 श्रेणी में शामिल किया गया है।
शहरी विकास विभाग को निर्देश दिया गया है कि फुटपाथों पर पेवर्स बिछाने के बजाय पौधे लगाए जाएं, जिससे न केवल हरियाली बनी रहेगी बल्कि भूमिगत जल स्तर भी बनाए रखने में मदद मिलेगी। पराली जलाने पर हर कीमत पर अंकुश लगाया जाना चाहिए और नगर निगम के कर्मचारियों को कूड़ा जलाने से दूर रहना चाहिए। गांवों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। अधिकारियों को बढ़ते प्रदूषण के कारणों को जानने के लिए किसी स्थापित संस्था से सर्वेक्षण कराने और संबंधित संस्था के सुझावों से इसे नियंत्रित करने की योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।
औद्योगिक इकाइयां पीएनजी कनेक्शन नहीं ले रही
उल्लेखनीय है कि उज्जैन शहर में बढ़ते हुए वायु प्रदूषण को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा शहर को वर्ष 2019 में ही नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है। यहां की हवा को साफ करने के लिए सरकार द्वारा ग्रांट भी दी जाती है। मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, देवास के साथ उज्जैन भी इस कार्यक्रम में शामिल है। जहां धूल, धुआं कम करना प्रमुख उद्देश्य है। वर्ष 2019 की तुलना में उज्जैन शहर की हवा में पीएम 2.5 का स्तर आठ प्रतिशत बढ़ा है। जिला प्रशासन की ओर से उज्जैन की औद्योगिक इकाइयों को सितंबर 2023 में पीएनजी सप्लाई करने में ढाई रुपए प्रति किलो से रेट में कमी करवाई गई थी फिर भी कई औद्योगिक इकाइयां पीएनजी कनेक्शन नहीं ले रही है ऐसी इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए।