प्रकरणों के निराकरण के लिए राजस्व अभियान 3.0 का संचालन, जिले में 69265 राजस्व प्रकरण दर्ज, 8059 लंबित

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राजस्व अभियान में ढिलाई बरतने पर जिले के एक तहसीलदार की वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई करने के निर्देश उज्जैन कलेक्टर ने दिए

दैनिक अवन्तिका उज्जैन

उज्जैन जिले में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए राजस्व अभियान 3.0 का संचालन हो रहा है। इस सिलसिले आरसीएमएस सॉफ्टवेर में दर्ज प्रकरणों की संख्या 69265 है और इसमें से 61206 प्रकरण का निराकरण हुआ है। जिले में 20 नवम्बर की स्तिथि में अभी भी 8059 प्रकरण लंबित चल रहे हैं। जिले में निराकरण का प्रतिशत 88.36 है। हाल ही में राजस्व अभियान 3.0 में ढिलाई बरतने पर जिले के एक तहसीलदार की वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई करने के निर्देश उज्जैन कलेक्टर द्वारा दिए गए हैं।
उज्जैन जिले में तहसील वार राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति इस प्रकार है। उज्जैन ग्रामीण में 8201 प्रकरण दर्ज हुए इसमें से 7217 प्रकरणों का निराकरण किया गया यहां पर 984 प्रकरण अभी भी लंबित चल रहे हैं। इसी तरह उज्जैन नगरीय क्षेत्र में 1334 प्रकरण दर्ज हुए 1148 प्रकरण का निराकरण हुआ तथा 186 प्रकरण लंबित थे। कोठी महल तहसील में 1147 प्रकरण दर्ज हुए 1042 प्रकरणों का निराकरण किया गया और 105 लंबित थे।

खाचरोद तहसील में 6857 प्रकरण दर्ज हुए यहां 5961 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 893 प्रकरण लंबित है। घटिया तहसील में 7853 प्रकरण दर्ज हुए तथा 7017 प्रकरणों का निराकरण किया गया। झारडा तहसील में 5635 प्रकरण दर्ज हुए 4980 का निराकरण किया गया तथा 655 प्रकरण लंबित थे। तराना तहसील में 4977 प्रकरण दर्ज हुए 4417 प्रकरण निराकृत हुए तथा 561 प्रकरण लंबित है। नागदा तहसील में 10876 दर्ज हुए 9592 प्रकरण निराकृत हुए तथा 1245 प्रकरण अभी लंबीत है। बड़नगर तहसील में 10594 प्रकरण दर्ज हुए 9512 प्रकरणों का निराकरण किया गया व 1062 प्रकरण लंबीत थे। महिदपुर तहसील में 7888 प्रकरण दर्ज हुए 6822 प्रकरणों का निराकरण किया गया व 1066 प्रकरण लंबित है। माकड़ौन तहसील में 3906 प्रकरण दर्ज हुए यहां 3380 प्रकरण निराकृत किए गए व 26 प्रकरण अभी लंबित है। उल्लेखनीय है कि माकड़ौन तहसील में संपूर्ण जिले की अन्य तहसीलों की तुलना में प्रकरणों के निराकरण का प्रतिशत कम होने से संबंधित तहसीलदार को नोटिस दिया गया है।

प्रकरण दर्ज करने में लेट लतीफी
राजस्व प्रकरणों को निराकृत करने के लिए शासन द्वारा आॅनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार करके निराकरण की प्रगति व निराकरण पर नजर रखी जा रही है। इस के लिए आरसीएमएस सॉफ्टवेयर बनाया गया है। इसमें सभी तरह के नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों को आॅनलाइन दर्ज करना होता है। शासन द्वारा यह निर्देश दिए कि जैसे ही प्रकरण किसी राजस्व कोर्ट में लगे तुरंत उसको आरसीएमएस सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाए किंतु कई बार राजस्व अधिकारियों द्वारा सॉफ्टवेयर में प्रकरण दर्ज करने में लेट लतीफी की जाती है।

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