इंदौर के युवक की उज्जैन में हत्या करने वालों को उम्रकैद की सजा
दैनिक अवंतिका उज्जैन। उज्जैन। इंदौर के युवक को 3 साल पहले उज्जैन लाने के बाद हत्या करने वाले 2 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों आरोपी युवक को नशा करने के बहाने लाये थे।3 जून 2021 को भैरवगढ़ थाना पुलिस ने उन्हेल रोड खोरिया बस स्टेंड के आगे ग्राम रुई स्थित गढ़ा मार्ग से खाई में पड़ी एक युवक की लाश बरामद की थी। जिसकी मौके पर शिनाख्त नहीं होने पर शव पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया गया था। मामला हत्या का था और मृतक के हाथ पर मां-पप्पा 302 लिखा हुआ था। आसपास के जिलों की पुलिस से गुमशुदा व्यक्ति की जानकारी मांगी गई। जिसके आधार पर इंदौर बाणगंगा थाना क्षेत्र में मृतक की गुमशुदगी दर्ज होना सामने आया। परिजनों ने उज्जैन पहुंचकर मृतक के फोटोग्राफ देखे और पहचान तनु उर्फ तुषार पिता जितेन्द्र बौरासी निवासी जयहिंद नगर इंदौर के रूप में की। पुलिस ने गड्ढा खोदकर शव निकाला और परिजनों को सौंपा। अंतिम संस्कार के बाद परिजनों के बयान दर्ज करने पर सामने आया कि 1 जून 2021 को रात्री 12.30 बजे तनु को सुनील और निलेश उर्फ जटालु क ेसाथ बाइक पर जाते देखा गया था। दोनों उसे पाउडर का नशा करने के लिये लेकर गये थे। पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू की, इस दौरान उनके दोस्त अंकित की जानकारी मिली। जिससे पूछताछ करने पर सामने आया कि निलेश उर्फ जटालु ने बताया था कि उसने सुनील के साथ मिलकर तनु की हत्या कर दी है। पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश कर इंदौर से गिरफ्तार किया। पूछताछ में निलेश ने कबूल किया कि उसने अंकित को हत्या करना बताया था। पुलिस ने दोनों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा और अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस बीच पुलिस ने मृतक का डीएनए टेस्ट कराया। जिसमें उसकी मां और बहन से उसका जैविक संबंध होना सामने आया। इधर न्यायालय में मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी थी। 3 साल बाद अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश् विवेक कुमार चंदेल ने फैसला सुनाते हुए सुनील उर्फ मिथुन पिता लोकपालसिंह और निलेश उर्फ जटालु पिता औंकार ठाकुर निवासी इंदौर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया। प्रभारी उपसंचालक अभियोजन राजेन्द्र कुमार खांडेगर ने बताया कि मामले में प्रकरण का संचालन मुकेश कुमार कुन्हारे विशेष लोक अभियोजक द्वारा किया गया।रिश्वत मामले में मंडी निरीक्षक और लिपिक को सजा
लोकायुक्त टीम ने 20 फरवरी 2019 को उन्हेल के मंडी व्यापारी दिनेश जायसवाल की शिकायत पर मंडी निरीक्षक संजीव कुमार जैन और कृषि उपज मंडी के लिपिक राजेश वर्मा को रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा था। दोनों ने रिश्वत की राशि आपस में बांट ली थी। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज करने के बाद विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। पांच साल बाद मामले में विशेष न्यायालय ने दोनों को रिश्वत लेने का दोषी करार देते हुए चार-चार साल की सजा और 7-7 हजार के अर्थदंड से दंड़ित कर भैरवगढ़ जेल भेज दिया है। विदित हो कि मंडी व्यापारी दिनेश से आॅनलाइन रजिस्टेÑशन के लिये आवेदन किया था। जिसके एवज में मंडी निरीक्षक और लिपिक ने 15 हजार की रिश्वत मांगी थी और 12 हजार रूपये लिये थे। लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई के दौरान निरीक्षक से 7 हजार और लिपिक से 5 हजार रूपये जप्त किये थे। विशेष न्यायालय में लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. द्वारा प्रकरण में संचालन किया गया।