सिंहस्थ-16 में निर्माण किया,मेंटेनेंस बीते 9 साल में नहीं किया लाखों की पत्थर की रोटरी,फूटपाथ कोढी के हुए -स्थाई निर्माण कार्यों के संधारण को लेकर गंभीरता नहीं रही
दैनिक अवन्तिका उज्जैन। सिंहस्थ 2016 में शहर में सुंदरता के लिए किए गए कामों के हाल बेहाल हैं। रखरखाव के अभाव में करोडों की लागत के काम कोढी के होकर रह गए हैं। 9 सालों में मंगलनाथ से सिद्धवट मार्ग पर बनी रोटरी कहीं से कहीं तक सुंदर नहीं बची है। न ही यहां बनाए गए फूटपाथ ही सही सलामत रह सकें हैं। यहां तक की इन पर उग आई घांस तक नहीं उखाडी जा रही है।सिंहस्थ 2016 में शहर में सुंदरता के लिए कई निर्माण किए गए थे। इनके संधारण और रखरखाव को लेकर तत्कालीन स्थिति में गंभीरता की बात कही गई थी और एक विशेष फंड से इसे किए जाने की बात रखी गई थी। पिछले 9 सालों में सिंहस्थ की करोडों की सौगात कोढी की स्थिति में आ गई है।लाल पत्थर की रोटरी कई जगह से टूटी-मंगलनाथ से सिद्धवट जाने वाले मार्ग पर नए ब्रिज और पुराने ब्रिज से सडक चौडीकरण में तिराहे पर सुंदर रोटरी का विकास किया गया था। लाल पत्थर से बनाई गई यह रोटरी लाखों खर्च कर निर्मित की गई थी। इसके निर्माण में काफी नाजूकता के हाल रखे गए थे। रोटरी के बीच में एक लेंप पत्थर का ही बनाया गया था जिसे स्तंभ पर रखा गया था। सुंदर रोटरी अब पुरी तरह से किसी विध्वंस को रेखांकित कर रही है। रोटरी की गैलरी के पत्थर उधड कर गिर रहे हैं। कई पत्थर टूट चुके हैं। पत्थर के लेंप में रोशनी के लिए लगाया गया बल्ब तत्कालीन दौर में ही बंद हो गया था,बाद में उसे उसके अंजाम तक लोगों ने पहुंचा दिया है। इस रोटरी के अंदर और बाहर सफाई का भी अभाव है। कुछ हजार के खर्च से रोटरी को एक बार फिर सहेंजा संवारा जा सकता है लेकिन इसे लेकर गंभीरता की स्थिति देखने में नहीं आ रही है।फूटपाथ टूटे,घास से सराबोर –मंगलनाथ के पुराने शिप्रा ब्रिज से लेकर सिद्घवट भैरवगढ मार्ग तक यह सडक सीमेंट कांक्रीट की बनाई गई थी। उसके बाद बीते समय में इस पर डामरीकरण कर दिया गया। इस मार्ग पर दोनों और फूटपाथ भी बनाए गए थे। समय के साथ फूटपाथ निर्माण की स्थितियों की गवाही दे रहे हैं। फूटपाथ के नीचे की जमीन दरक गई है। कई जगह से फूटपाथ टूट गए हैं। करीब एक किलोमीटर से अधिक के इस मार्ग पर दोनों और फूटपाथ को पास के खेत वालों ने काटकर अपने आवागमन में स्वसुविधा का आकार दे दिया है। फूटपाथ पर सिरे से ही घास उग रही है। घास का आकार और उसकी स्थिति बता रही है कि इस मार्ग पर कभी कोई संधारण नहीं किया गया है। फूटपाथ संधारण तो ठीक झाडू तक नहीं लगी है।ब्रिज पर पुरी रैलिंग नहीं लगी-मंगलनाथ के पुराने ब्रिज पर मानसून काल के बाद पुरी रैलिंग तक नहीं लगी है। ब्रिज के कुछ हिस्से में रैलिंग लगा दी गई है और बीच के कुछ हिंस्से को ऐसे ही छोड दिया गया है। इससे दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। कुछ वर्षों पूर्व यहां एक कार नदी में गिर चुकी है।