यूपी मॉडल पर आधारित होगी प्रदेश की नई शराब नीति

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भोपाल। प्रदेश की नई शराब नीति यूपी मॉडल पर आधारित होगी। अफसरों के अनुसार  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार शराब नीति का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व आबकारी विभाग के अधिकारियों की टीम ने यूपी के शराब मॉडल का अध्ययन किया। इसमें सामने आया कि यूपी में लॉटरी सिस्टम से शराब दुकानों का आवंटन  होता है।
वहां शराब दुकानों की संख्या करीब 30,0177 है, जो मप्र के मुकाबले नौ गुना ज्यादा है। नई शराब नीति में उप्र की शराब नीति के महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी शामिल किया गया है। मप्र में शराब दुकानों की कुल संख्या 3605 है। मप्र में ई-टेंडर के जरिए शराब दुकानें नीलाम होती है। देश में कर्नाटक के बाद मप्र में शराब की कीमत सबसे ज्यादा है। अधिकारियों का कहना है कि यदि राज्य सरकार शराब के यूपी के शराब नीति के मॉडल को अपनाती है, तो मप्र में शराब दुकानों की संख्या बेतहाशा बढ़ जाएगी। जबकि मप्र सरकार की नीति शराब दुकानों की संख्या में वृद्धि नहीं करने की रही है। प्रस्ताव में महाराष्ट्र और तमिलनाडु की शराब नीति के चुनिंदा बिंदुओं को भी शामिल किया गया है। नई शराब नीति को लेकर अफसरों ने आय बढ़ाने के जो सुझाव दिए हैं उसमें बताया गया है कि अगले साल शराब दुकानों की नीलामी 10 फीसदी ज्यादा में की जाए। इसके लिए उत्तर प्रदेश समेत तीन राज्यों की शराब नीति का अध्ययन मप्र शासन के आबकारी विभाग ने कर मसौदा तैयार किया है। दिसंबर में होने वाली बैठक में शराब नीति का प्रस्ताव रखा जाएगा, हरी झंडी मिलने के बाद नई शराब नीति 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। आबकारी अधिकारियों का कहना है कि यदि अहाते चालू होंगे तो शराब दुकान के सामने सडक़ पर लगने वाली भीड़ कम होगी जिससे आने जाने वाले को परेशान नहीं होना पड़ेगा पिछली सरकार ने अहाते बंद करा दिए थे।
जानकारी के अनुसार उप्र समेत तीन राज्यों की शराब नीति का अध्ययन कर मप्र शासन के आबकारी विभाग ने नई शराब नीति का मसौदा तैयार किया है। प्रस्ताव में अहाते बंद होने से शराब दुकानों के आसपास सडक़ों पर भीड़ बढऩे से होने वाली परेशानी और राजस्व के नुकसान का जिक्र किया गया है। अहाते फिर से शुरू करने या न करने का फैसला सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करेगा। पिछले साल फरवरी में तत्कालीन शिवराज सरकार ने अहाते बंद करने का निर्णय लिया था। करीब 2600 अहाते बंद किए गए थे। नई नीति में नर्मदा नदी के किनारों 5 किमी की परिधि में शराब दुकानों पर लगी रोक को समीक्षा का सुझाव दिया गया है। धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से शराब दुकानों को न्यूनतम दूरी 100 मीटर ही रखी जाएगी।

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