इंदौर में कल से तेज ठंड; बर्फीली हवाएं बढ़ाएंगी ठिठुरन
इंदौर। मध्य प्रदेश में 10 दिसंबर से तेज ठंड का दौर शुरू होगा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के असर से प्रदेश में बर्फीली हवाएं आएंगी। जिनकी वजह से भोपाल-इंदौर समेत पूरे प्रदेश में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक पारा गिर जाएगा। मौसम वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि रविवार को प्रदेश के पूर्वी हिस्से के कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे दिन के तापमान में भी गिरावट देखने को मिली।
उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर 12.6 किमी की ऊंचाई पर 260 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं। यहां पर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव हो रहा है। इस वजह से बर्फ पिघलेगी और फिर हवा की रफ्तार तेज हो जाएगी। जिसका असर मध्यप्रदेश में भी देखने को मिलेगा।
दरअसल, वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण उत्तरी इलाकों और पहाड़ों पर मौसम बदलेगा। इस दौरान पहाड़ों पर बर्फबारी भी होगी। ऐसा होने पर बर्फ पिघलने के बाद बर्फीली हवा मध्यप्रदेश में आएगी।
20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर
मौसम विभाग के अनुसार, 15 दिसंबर तक मौसम में ऐसा ही उतार-चढ़ाव रहेगा। कभी तेज ठंड, कभी बारिश तो कभी बादल छाए रहेंगे। कड़ाके की ठंड का दौर 20 दिसंबर से शुरू होगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी सर्द हवाओं की भी स्थिति रह सकती है। सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी। वजह यहां बर्फीली हवाएं सीधे आना है।
वर्ष 2014 से 2023 तक के ट्रेंड पर नजर डाली जाए तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू होती है। इन पांच बड़े शहरों में पारे में सबसे ज्यादा गिरावट ग्वालियर में होती है। यहां पिछले 10 साल में एक बार टेम्प्रेचर 1.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। जबलपुर में यह 4.4 डिग्री और उज्जैन में 2.5 डिग्री तक रहा है। भोपाल और इंदौर में भी टेम्प्रेचर 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा है।
नवंबर में सर्दी तोड़ चुकी रिकॉर्ड नवंबर में सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा लेकिन कड़ाके की ठंड दिसंबर में पड़ेगी। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि इस बार ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठिठुरेंगे। यहां कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलेंगी।