लोकसभा में पीएम मोदी बोले- संविधान के 75 वर्ष की यात्रा यादगार
नई दिल्ली। संविधान के 75 साल पूरे होने के मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा में शामिल हुए। मोदी बोले- हम सबके लिए और सभी देशवासियों के लिए इतना ही नहीं, विश्व के लोकतांत्रिक देशों के नागरिकों के लिए ये गौरव का पर्व है। बड़े गर्व के साथ लोकतंत्र के उत्सव को मनाने का ये अवसर है। मोदी बोले- 75 साल की ये उपलब्धि साधारण नहीं असाधारण है। जब देश आजाद हुआ, उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गईं थी, उन सभी संभावनाओं को परास्त करते हुए संविधान हमें यहां तक ले आया है। इस महान उपलब्धि के लिए संविधान निमार्ताओं के साथ-साथ मैं देश के कोटि-कोटि नागरिकों को नमन करता हूं। मोदी बोले- भारत का नागरिक सर्वाधिक अभिनंदन का भागी है। संविधान निमार्ता इस बात पर बहुत सजग थे। ये वो नहीं मानते थे कि भारत का जन्म 1947 में हुआ। वे मानते थे कि यहां की महान परंपरा को हजारों साल की उस यात्रा के लिए वे सजग थे। भारत का लोकतंत्र, गणतांत्रिक अतीत समृद्ध रहा है, विश्व के लिए प्रेरक रहा है। तभी भारत मदर आॅफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है। हम सिर्फ विशाल लोकतंत्र नहीं, हम लोकतंत्र की जननी हैं। राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन ने कहा था- सदियों के बाद हमारे देश में एक बार फिर ऐसी बैठक बुलाई गई है, ये हमारे मन में अपने गौरवशाली अतीत की याद दिलाती है। जब हम स्वतंत्र हुआ करते थे, सभाओं में विद्वान देश के अहम मामलों पर चर्चा करते थे। डॉक्टर राधाकृष्णन ने कहा था- इस महान राष्ट्र के लिए गणतांत्रिक व्यवस्था नई नहीं है। हमारे यहां ये इतिहास की शुरूआत से ही है। बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था- ऐसा नहीं है कि भारत को पता नहीं था कि लोकतंत्र क्या होता है। एक समय था जब भारत में कई गणतंत्र हुआ करते थे।