घाटी में अब फ्लैट में रहेंगे कश्मीरी पंडित : 6 हजार में से 1500 नए फ्लैट तैयार

श्रीनगर। कश्मीर से विस्थापित हुए पंडितों को घाटी में फिर से बसाने के लिए मनमोहन सिंह सरकार ने रोजगार पैकेज की घोषणा की थी। अब मोदी सरकार ने इस प्रोजेक्ट को और मजबूत करके तेज गति से शुरू किया है। मनमोहन सरकार में सिर्फ नौकरी मिल रही थी, अब सरकार मकान भी दे रही है। श्रीनगर से बाल्टाल जाते वक्त रास्ते में गांदरबल पड़ता है। यहां कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री विकास पैकेज में नौकरी पाने वाले लोगों को कवर्ड कैम्पस में बसाने की योजना है। इस प्रोजेक्ट के तहत घाटी में अलग-अलग जगहों पर विस्थापित कश्मीरियों के परिवारों को बसाने की योजना है।
बताया जाता है कि यहां 12 टावर पर काम चल रहा है। 5-6 टावर लगभग तैयार हैं। अगस्त तक आधे से अधिक टावर में लोग रहने लगेंगे। गांदरबल की तरह दूसरे इलाकों में निर्माण गति इतनी तेज नहीं है। गांदरबल में ही यहां से करीब तीन किमी दूरी पर भी 12 टावर प्रस्तावित है। यहां एक हफ्ते पहले ही काम शुरू हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2015 से कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास का सिर्फ 17 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है। 2015 में घोषित प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत केंद्र सरकार ने कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3,000 सरकारी नौकरियों को मंजूरी दी थी।