कुर्सी की राह देख रहे नेताओं की दो माह के दौरान हो सकती है मनोकामना  पूरी

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उज्जैन के नेता भी इंतजार कर रहे निगम मंडलों में अपनी नियुक्ति होने की…आकाओं के यहां लगा रहे चक्कर
उज्जैन। उज्जैन के बीजेपी नेताओं के साथ ही वे नेता भी निगम मंडलों और प्राधिकरण में अपनी राजनीतिक नियुक्तियां होने की राह देख रहे है जो कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आए है और उन्हें यह लालच दिया गया था कि किसी न किसी अच्छे पदों पर एडजस्ट किया जाएगा। हालांकि बीते कई दिनों से सूबे की मोहन सरकार द्वारा निगम मंडलों में नियुक्तियां टाल रही है लेकिन बीजेपी सूत्रों ने अब यह जानकारी दी है कि आगामी दो माह के दौरान राजनीतिक नियुक्तियां होने की राह देख रहे नेताओं की मनोकामना पूरी हो सकती है। बताया जा रहा है कि आगामी जनवरी या फरवरी माह में कुर्सी पर नेताओं को बैठा दिया जाएगा।

प्रदेश में नए चेहरे के साथ नई सरकार के काबिज होते ही नेताओं को इंतजार है कि निगम मंडलों में नियुक्ति कब होगी। बहुत से नेता अपनी दावेदारी भी जता रहे हैं, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से निगम-मंडल में नियुक्तियों का मामला उलझ रहा है। पहले माना जा रहा था कि निगम मंडल में नियुक्तियां लोकसभा चुनाव के बाद होंगी, लेकिन ये चुनाव भी पूरे हो गए और नियुक्तियों का सिलसिला शुरू नहीं हुआ। इसके बाद बारी आई उपचुनावों की। पर अब लगता है कि संगठनात्मक चुनाव खत्म होने के बाद ही निगम-मंडलों में नियुक्ति होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद प्रदेश के निगम-मंडल, प्राधिकरण व आयोगों में राजनीतिक नियुक्ति की बात से इसकी आस में बैठे नेताओं के चेहरे खिल गए हैं। ऐसे में जिन नेताओं ने संगठनात्मक चुनाव में और इसके पहले सदस्यता अभियान में अच्छा काम किया है, उनको जल्द ही निगम, मंडल, प्राधिकरण में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष नियुक्ति मिल सकती है।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संगठन में अच्छा काम करने पर निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्ति की बात कही थी। तभी से कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में पार्टी संगठन के काम को करने में काफी रुचि लेने लगे थे। अब मुख्यमंत्री द्वारा संगठनात्मक चुनाव के बाद निगम, मंडलों में नियुक्ति किए जाने की बात से इन नेताओं को उम्मीद जागी है। खासकर वे नेता खासे उत्साहित हैं, जिन्होंने संगठनात्मक चुनाव और सदस्यता अभियान में अच्छा काम किया है।
कांग्रेस से भाजपा में आए कई ऐसे नेता जिन्होंने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में पाला बदला था, वे भी इसी आस में है कि उनको किसी निगम, मंडल में एडजस्ट किया जाएगा। इसके लिए इन नेताओं ने चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशी के लिए काफी मेहनत भी की थी। प्रदेश में निगम-मंडलों के अलावा प्राधिकरण, आयोगों में नियुक्ति की जाती है, तो 100 से ज्यादा नेताओं को मौका मिल सकता है। क्योकि निगम-मंडलों में अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष के पद पर भी नियुक्ति की जाती रही है। वहीं, आयोग में अध्यक्ष के साथ सदस्य बनाए जाते है। जानकारी के मुताबिक राज्य सूचना आयोग में वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा तीन आयुक्त है, जबकि यहां 10 आयुक्तों की नियुक्ति की जा सकती है। इस तरह आयोग में आयुक्त के 7 पद रिक्त हैं।

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