चाकू से गला काटने के बाद लाठियों से किया था हमला -भैंस व्यापारी की हत्या में शामिल 2 आरोपी हिरात में

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उज्जैन। जंगल में रेलवे पटरियों के पास खेत में हुई भैंस व्यापारी की हत्या का सोमवार को उन्हेल पुलिस ने खुलासा कर दिया। हत्या में शामिल 2 आरोपितों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। व्यापारी को भैंस का सौदा करने के लिये बुलाया था और हत्या के बाद उसके पास रखे 35 हजार रूपये निकाल लिये थे।
शनिवार को उन्हेल पुलिस ने 11 किलोमीटर दूर लेकोड़ा आंजना में जंगल से भगवानसिंह पटेल के खेत से युवक का रक्त रंजीत शव बरामद किया था। जिसकी पहचान सैफुउद्दीन पिता नसुरूद्दीन 32 वर्ष निवासी पठान मोहल्ला भैंस व्यापारी के रूप में हुई। मृतक का गला कटा होने और सिर पर लाठियों से हमला करने के निशान मिलने पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। थाना प्रभारी एसआई अशोक शर्मा ने टीम के साथ अंधे कत्ल का सुराग तलाशना शुरू किया और 48 घंटे बाद लोकोड़ा आंजना के रहने वाले महेश पिता मुकेश चौधरी और विनोद पिता जुझारसिंह कीर को गिरफ्तार कर लिया। सीएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक सैफुउद्दीन को महेश ने भैंस का सौदा करने के बहाने बुलाया था और साथी विनोद के साथ मिलकर पहले गले पर चाकू से वार किया, उसके बाद लाठियों से सिर पर वार किये। मौत होने के बाद दोनों उसकी जेब में रखे 35 हजार के लगभग रूपये और मोबाइल लेकर भाग निकले थे। दोनों को कोर्ट में पेश कर 18 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया है। उनसे 34 हजार 650 रूपये बरामद किये गये है। पूछताछ में दोनों ने हत्या में प्रयुक्त चाकू और मृतक का मोबाइल गांव के समीप नाले में फेंकना कबूल किया है। रिमांड के बाद पुलिस की टीम चाकू और मोबाइल बरामद करने पहुंची थी। नाले से मोबाइल बरामद हो चुका है। चाकू बरामदगी के प्रयास जारी है। हत्या के बाद घटनास्थल से लाठी मिली थी।
आॅनलाइन गेम में 42 हजार हारा था महेश
थाना प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया कि महेश के पिता ने दीपावली के पूर्व धनतेरस पर ट्रेक्टर फायनेंस कराया था। 2 दिसंबर को फायनेंस की पहली किश्त 42 हजार जमा करनी थी। महेश को उसके पिता ने रूपये दिये थे। लेकिन वह पांच दिनों में सभी रूपये आॅनलाइन गेम में हार गया था।10 दिसंबर तक किश्त जमा नहीं होने फायनेंस कर्मियों ने पिता मुकेश चौधरी से संपर्क किया। जिसके बाद गेम में रूपये हार चुके महेश को पिता ने फटकार लगाई। महेश 2 दिनों तक घर नहीं आया। उसने किश्त के रूपयों का इंतजाम करने के लिये सैफुउद्दीन को झांसे में लिया। उसे पता था कि सैफुउद्दीन सौदा करने के लिये हजारों रूपये लेकर साथ चलता है। महेश ने सालभर पहले अपने यहां हाली रहे विनोद को साजिश में शामिल किया। हत्या के बाद विनोद को 4 हजार 500 रूपये दिये थे।
ऐसे मिला आरोपितो का सुराग
शनिवार सुबह लाश मिलने के बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की थी। घटनास्थल के आसपास मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की गई और गांव में पता लगाया गया। इस दौरान महेश की लोकेशन जंगल में सामने आई। वहीं जानकारी मिली कि महेश आॅनलाइन गेम में रूपये हार चुका था। पिता ने उसे फटकार लगाई थी। उसके 2 दिन बाद ही महेश ने पिता को 30 हजार रूपये होने की बात कहीं। पिता ने पन्नालाल की दुकान पर रूपये देने के लिये कहा। महेश रूपये देकर भाग निकला था। इसी आधार पर उसकी तलाश शुरू की गई और रविवार रात दोनों को हिरासत में ले लिया गया।
21 हजार में कराया था भैंस का सौदा
सैफुउद्दीन अपने पार्टनर शादाब के साथ घटन ावाले दिन दूसरे गांव भैंसों का सौदा करने गया था। उससे पहले महेश चौधरी ने राहुल नामक युवक की भैंस का सौदा 21 हजार 700 में करा दिया था। जिसके रूपये शुक्रवार को देना तय हुआ था। शाम 4.30 बजे महेश ने कॉल किया। सैफुउद्दीन ने भैंस उन्हेल छोड़कर आने की बात कहीं। उन्हेल आने पर वह लेकोड़ा आंजना स्टेशन पहुंचा। शादाब लोडिंग लेकर पहुंचने वाला था। तभी महेश और विनोद उसे दूसरी भैंस दिखाने और सौदा कराने का झांसा देकर अपनी बाइक जंगल में ले गये।
नहीं लौटा तो दर्ज कराई गुमशुदगी
शुक्रवार शाम को गया सैफुउद्दीन जब नहंी लौटा तो परिजनों ने रात में ही गुमशुदगी दर्ज कराई। परिजनों से पूछताछ करने पर सामने आया कि शादाब के साथ भैंस लेने गया था। शादाब से पता करने पर उसने बताया कि लेकोडा आंजना में महेश ने भैंस के रूपये देने के लिये बुलाया था। वह भी भैंस लेने पहुंचा था, लेकिन महेश और सैफुउद्दीन नहीं मिले थे।

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