अब निजी स्कूल मनमर्जी से नहीं बढ़ा सकेंगे फीस
भोपाल। निजी स्कूलों की मनमानी पर राज्य सरकार ने नकेल कसने की तैयारी की है। स्कूल मनमर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। हालांकि 25 हजार रुपए वार्षिक शुल्क वाले स्कूल फीस नियंत्रण दायरे से बाहर होंगे। इससे अधिक फीस लेने वाले स्कूलों को अनुमति लेनी होगी।
परिवहन फीस अब वार्षिक फीस का हिस्सा होगी। स्कूल परिवहन (बस) फीस भी अलग से नहीं ले सकेंगे। इसे वार्षिक फीस का ही भाग माना जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को मप्र निजी विश्वविद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश किया गया। सदन की हरी झंडी मिलने और राज्यपाल की अनुमति के बाद संशोधित नियम लागू होंगे। संशोधित विधेयक के तहत यदि स्कूल 15 फीसदी से अधिक फीस बढ़ाएंगे तो उन्हें पहले समिति से अनुमति लेनी होगी। फीस वृद्धि पर आपत्ति की अपील सुनने मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति अधिनियम में भी संशोधन प्रस्ताव किया है। इसके तहत वार्षिक फीस में 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के आदेश के विरुद्ध अपील सुनने के लिए राज्य स्तरीय समिति होगी। समिति अध्यक्ष स्कूल शिक्षा मंत्री रहेंगे।