कुल 666 हवाई यात्राएं की गईं, जिनमें से 428 यात्राएं, निजी विमानों और हेलीकॉप्टरों से और 238 यात्राएं शासकीय विमानों और हेलीकॉप्टरों से की गईं
दैनिक अवन्तिका भोपाल
सूबे की मोहन सरकार के मंत्रियों के साथ ही खुद सीएम डॉ. मोहन यादव और वरिष्ठ अफसरों ने हवाई यात्रा का आनंद लेने के लिए साल भर में कोई 32 करोड़ से अधिक रुपए फूंक दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन यात्राओं में शासकीय विमानों और हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ निजी कंपनियों के विमानों और हेलीकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया गया। विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने जवाब में बताया कि कुल 666 हवाई यात्राएं की गईं, जिनमें से 428 यात्राएं निजी विमानों और हेलीकॉप्टरों से और 238 यात्राएं शासकीय विमानों और हेलीकॉप्टरों से की गईं। इस पर 32 करोड़ 85 लाख 2 हजार 90 रुपये खर्च किए गए। सभी यात्राएं शासकीय प्रयोजन से की गई हैं।
सरकार ने हवाई सेवाओं के लिए पांच निजी कंपनियों को अनुबंधित किया, जिनमें से दो कंपनियों को सबसे अधिक उपयोग किया गया। इनमें एरो एयरक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड और यूनिवर्सिल एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड है। जानकारी के अनुसार एरो एयरक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड से 395.16 घंटे उड़ान भरी गई। इसके लिए उसे 16.32 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं, यूनिवर्सल एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से 219.1 घंटे उड़ान भरे गई। इसके लिए 11.75 करोड़ रुपये भुगतान किया गया है। सारथी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड से 122.2 घंटे उड़ान भरी गई, उसे 4.21 करोड़ रुपये भुगतान किया गया। जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड से 4 घंटे 20 मिनट उड़ान भरी गई। उसे 13.71 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं, विडवीन प्राइवेट लिमिटेड से 16.22 घंटे उड़ान भरी गई और 41.50 लाख का भुगतान किया गया। बता दें मध्य प्रदेश के पास अभी एक हेलिकॉप्टर उपलब्ध है, जो 12 साल पुराना है। यह छह सीटर हेलिकॉप्टर है। जबकि विमान की जरुरत पड़ने पर सरकार को किराए से विमान लेना होता है।