विद्यालक्ष्मी योजना में उज्जैन का एक भी शैक्षणिक संस्थान का नाम नहीं
मध्यप्रदेश के 9 संस्थान ही विद्यालक्ष्मी योजना के दायरे में, शैक्षणिक लोन का नहीं मिल सकेगा जिले के विद्यार्थियों को लाभ
दैनिक अवन्तिका उज्जैन
पीएम विद्या लक्ष्मी योजना में उज्जैन जिले का एक भी शैक्षणिक संस्था का नाम शामिल नहीं है। लिहाजा इस योजना के दायरे में जिले का कोई विद्यार्थी नहीं आ सकेगा, अर्थात शैक्षणिक लोन लेने की पात्रता नहीं रहेगी।
पीएम विद्या लक्ष्मी योजना के तहत केंद्र सरकार 10 लाख तक का एजुकेशन लोन छात्र को दिया जाएगा। खास बात ये है कि लोन की रकम की गारंटी शिक्षा मंत्रालय देगा। सरकार 7.5 लाख रुपए तक की रकम पर 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी देगी। लेकिन इस योजना का लाभ केवल उन्हीं संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को मिल सकेगा, जिन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओवरआॅल रैंकिंग मिली है। एनआईआरएफ रैंकिंग में प्रदेश के नौ संस्थान ही शामिल है। जिसमें ग्वालियर का एक संस्थान, इंदौर के तीन संस्थान, भोपाल के पांच संस्थान है। आईटी इंदौर की ओवरआॅल रैंकिंग 33, आइसर की रैंकिंग 78, मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) की रैंकिंग 17, भोपाल एम्स की रैंकिंग 31 और देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की रैंकिंग 50 वीं रैंकिंग है। केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। पीएम विद्या लक्ष्मी योजना का उद्देश्य कम आय वाले छात्रों के उच्च शिक्षा के सपने को साकार करना है। इसके तहत, छात्रों को बिना गारंटर के 10 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन मिल सकेगा, जिससे अच्छे इंस्टीट्यूट्स में पढ़ाई का अवसर मिल सके। योजना के तहत पात्र छात्रों को पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गारंटर-मुक्त ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में 52 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। इनमें 2 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं प्रदेश में 142 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जिसमें 42 हजार 958 हैं। प्रदेश में 194 फामेर्सी कॉलेज हैं और उनमें 25000 छात्र हैं। वहीं प्रदेश में पारंपरिक व अन्य यूनिवर्सिटी 24 हैं, जिनमें 50 हजार छात्र हैं। प्रदेश में 260 एमबीए कॉलेज हैं। इनमें 38 हजार 227 हैं। इस तरह प्रदेश में कुल 3 लाख 61 हजार 185 छात्र अध्ययनरत हैं। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत अधिकतम 4 लाख रुपए तक के लोन के लिए आपको किसी गारंटर या कोई कोई संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है। 7.5 लाख से कम तक का लोन इस ब्रैकेट की लोन राशि के लिए किसी आर्थिक रूप से संपन्न गारंटर की आवश्यकता होती है। लेकिन कोई कोलेटरल प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।