शातिर युवती ने बिछाया था डिजिटल अरेस्ट का जाल पिता के गिरफ्तारी वारंट का कॉल आने पर थाने पहुंचा पुत्र
उज्जैन। बस ड्रायवरी करने वाले युवक के पिता के मोबाइल पर शुक्रवार दोपहर युवती ने कॉल किया और बताया कि अरेस्ट वारंट जारी हुआ है। 1 घंटे में पुलिस गिरफ्तारी के लिये आ रही है। गिरफ्तारी से बचना है तो आॅनलाइन रूपये जाम करना होगे। पिता ने गिरफ्तारी वारंट की जानकारी पुत्र को दी तो वह थाने पहुंच गया। जहां पुलिस ने कॉल झूठी होना बताकर डिजिटल अरेस्ट होने से ड्रायवर के पिता को बचा लिया।
मामला बड़नगर थाने से 15 किलोमीटर दूर ग्राम फतेहपुर का है। जहां सुभाष सोलंकी निवास करते है। दोपहर में उनके मोबाइल पर कॉल आया और युवती ने बताया कि आपका अरेस्ट वारंट निकाला है। एक घंटे में पुलिस गिरफ्तारी के लिये आ रही है। अगर मामला क्लोज करना है तो आपका केस देख रहे कुलदीप राणा के मोबाइल नम्बर 8448910354 पर बात करे और केस फाइल नम्बर 305 बताये। सुभाष सोलंकी कॉल सुनने के बाद घबरा गये। उन्होने बस ड्रायवरी करने वाले पुत्र आशीष सोलंकी को मामला बताया और बड़नगर थाने जानकारी लेने भेजा। पुत्र आशीष के थाने पहुंचा और एसआई सुरेन्द्र गरवाल से जानकारी मांगी और थाने कॉल आने की बात कहीं। एसआई ने पिता के मोबाइल पर आये नम्बर की जांच की। जो फ्रॉड होना सामने आया। उन्होने उक्त नम्बर पर कॉल किया तो कुलदीप राणा ने मनी लॉड्रिंग का मामला लोन से संबंधित होना बताया और 4-5 माह से पेंडिंग होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कहीं। उसका कहना था कि मामला क्लोज करना है तो अभी 7 हजार 984 रूपये का ट्रांजेक्शन करें। 10 मिनट में रूपये जमा नहीं कराये तो पुलिस आयेगी। एसआई ने करीब 10 मिनट तक कॉल पर बात की। जो पूरी तरह से फर्जी होना सामने आया। उन्होने आशीष सोलंकी से कहा कि पिता का कोई वारंट जारी नहीं हुआ है। पुत्र की समझदारी और थाना पुलिस से संपर्क करने पर डिजिटल अरेस्ट की घटना टल गई।