बिजली कंपनी के डीजीएम 30 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार
जबलपुर। जबलपुर में लोकायुक्त पुलिस ने बिजली कंपनी के डीजीएम और उसके सहयोगी को 30 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। डीजीएम ने नागपुर की एक निजी सोलर पैनल कंपनी का लाइसेंस रिन्य करवाने के लिए रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने लोकायुक्त एसपी से इसकी लिखित शिकायत की थी। जिसके बाद शुक्रवार शाम को ये कार्रवाई की गई। जीएम का नाम हिमांशु अग्रवाल है। वह बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन में सोलर एनर्जी विभाग में पदस्थ हैं। उनके सहयोगी हिमांशु यादव को भी लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है।
जबलपुर के आधारताल निवासी विष्णु लोधी नागपुर की एक कंपनी में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने करीब 12 दिन पहले जबलपुर के सोलर एनर्जी विभाग में ऑनलाइन फॉर्म भरकर आवेदन किया था। इसके बाद फाइल स्वत: ही एडीजीएम और डीजीएम के पास पहुंच जाती है, जिसे अप्रूव करना हिमांशु अग्रवाल की जिम्मेदारी थी।
पीड़ित के मुताबिक, वह एक महीने से कार्यालय के चक्कर काट रहे थे, लेकिन हर बार उन्हें काम होने का आश्वासन दिया जाता था। करीब एक सप्ताह पहले हिमांशु अग्रवाल ने लाइसेंस रिन्यू करने के लिए 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी और कहा कि इसके बिना फाइल अप्रूव नहीं होगी। परेशान होकर विष्णु लोधी ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू को लिखित शिकायत दी।
करीब 6 दिन पहले उन्होंने हिमांशु अग्रवाल से लाइसेंस रिन्यू न होने का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि जबलपुर में आपने 80 किलोवाट का काम लिया था, जिसके हिसाब से प्रति किलोवाट 500 रुपए की दर से 40 हजार रुपए देने होंगे। बाद में 18 तारीख को हिमांशु अग्रवाल ने राशि घटाकर 30 हजार रुपए कर दी। शुक्रवार दोपहर शिकायतकर्ता जब डीजीएम के पास पहुंचे तो वहां अन्य लोग भी मौजूद थे। उन्हें एक नंबर दिया गया और कहा गया कि इस नंबर पर संपर्क करें। विष्णु ने दिए गए नंबर पर कॉल किया और रामपुर चौराहे पर हिमांशु यादव से मुलाकात की। जैसे ही उन्होंने रिश्वत की रकम दी, लोकायुक्त टीम ने हिमांशु यादव को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
लोकायुक्त डीएसपी सुरेखा परमार ने बताया कि हिमांशु यादव ने स्वीकार किया कि उसने डीजीएम हिमांशु अग्रवाल के कहने पर रिश्वत ली थी। लोकायुक्त ने डीजीएम और प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।