– साल 2025 में मप्र सरकार शुरू करने जा रही नया प्रोजेक्ट, इंदौर-उज्जैन के बीच नया फोर लेन
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
देश व दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालु भविष्य में इंदौर एयरपोर्ट से महज 30 मिनट में ही उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर पहुंच जाएंगे। इसके लिए मप्र सरकार नए साल यानी 2025 में नया प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इंदौर से उज्जैन के बीच नया फोरलेन बनाया जा रहा है।
खास बात यह है कि यह ग्रीन फील्ड हाईवे होगा और इस रूट पर कोई भी क्रॉसिंग नहीं होगी, न ही यू टर्न दिया जाएगा। साथ ही इंदौर-उज्जैन के बीच वर्तमान में मौजूद 4 लेन हाईवे को 6 लेन में बदला जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के लिए कहा है। ये सारी तैयारियां 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को लेकर की जा रही है। सिंहस्थ में इस बार 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
देश-विदेश के लोग हवाई यात्रा
कर इंदौर से आते हैं उज्जैन
वर्तमान में मप्र का बड़ा व उज्जैन का सबसे नजदीक एयरपोर्ट इंदौर में है। यहीं कारण है कि देश-विदेश के लोग उज्जैन के महाकाल दर्शन के लिए हवाई यात्रा से आते हैं तो उन्हें पहले इंदौर ही पहुंचना होता है। इंदौर एयरपोर्ट से अभी वर्तमान में उज्जैन आने में 40 से 50 मिनट तक लगते हैं। लेकिन नया फोरलेन बन जाएगा तो इसकी दूरी 30 मिनट तक करने का प्लान है। वह ऐसे संभव होगा कि बीच में कही भी क्रांसिग नहीं होगा। इससे कम समय में श्रद्धालु यहां पहुंच जाएंगे।
इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल
मंदिर तक दो हिस्सों में काम
इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड 4 लेन बनाने की मंजूरी मप्र कैबिनेट से 20 दिन पहले ही मिली है। इसमें उज्जैन सिंहस्थ बायपास को टू लेन से 4 लेन करेंगे। 20 किलोमीटर की इस सड़क के निर्माण की लागत 701 करोड़ होगी। साथ ही उज्जैन-इंदौर के बीच 48 किमी का फोर लेन ग्रीन फील्ड रोड बनेगा। 1370 करोड़ की लागत वाली इस सड़क को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। यह सड़क पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को भी जोड़ेगी।
नया फोरलेन बनने से उज्जैन
वालों को ये 3 बड़े लाभ होंगे
1.पहला इंदौर एयरपोर्ट से यात्री सीधे महाकाल मंदिर के लिए निकलेगा। वह इंदौर एयरपोर्ट से सिंहस्थ बायपास फोरलेन सड़क मार्ग से चलकर 30 मिनट में मंदिर पहुंच जाएगा।
2. दूसरा इंदौर व उज्जैन के औद्योगिक क्षेत्र को लाभ मिलेगा। इससे आर्थिक विकास होगा।
3. तीसरा फोरलेन निर्माण से जुड़े गांवों में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, होटल, गोदाम और पेट्रोल पंप के लिए जमीन पहले से ही आरक्षित है। इससे रोजगार के नए अवसर होंगे।