महू में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक ईट तक नहीं लगाई

 

बाबा साहब आंबेडकर के नाम से हो रही जमकर राजनीति

इंदौर। बाबा साहेब अंबेडकर के सम्मान और अपमान को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर आरोप पर प्रत्यारोप चल रहे हैं। कांग्रेस सड़कों पर उतरकर बाबा साहब के अपमान की बात कह रही है लेकिन अतीत में कांग्रेस ने बाबा साहब का इतनी बार अपमान किया है कि उसका भाजपा के खिलाफ या आंदोलन ज्यादा लंबे समय तक चल नहीं सकता।

बहुत ज्यादा घटनाओं की बात करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इन पर संसद में भाजपा के नेता बात कर चुके हैं, लेकिन यदि इंदौर जिले की ही बात की जाए तो महू में बाबा साहब का जन्म हुआ था। महू कैंट एरिया के काली पलटन में उनका जन्म हुआ क्योंकि यहीं पर उनके पिता सेवा में सूबेदार थे। 1991 तक जब तक राजीव गांधी महू नहीं आए थे तब तक बड़े कांग्रेसी नेता काली पलटन झांकने भी नहीं जाते थे। 1990 में सुंदरलाल पटवा की सरकार ने जन्मभूमि पर स्मारक का शिलान्यास किया।
यह काम शुरू होता इसके पहले ही 6 दिसंबर के सरकार बर्खास्त कर दी गई। 1993 में दिग्विजय सिंह की सरकार बनी जो 2023 तक सत्ता में रही, लेकिन इन 10 वर्षों में कांग्रेस सरकार ने स्मारक में एक ईट भी नही लगाई। स्मारक का काम तब आगे बढ़ा, जब 2003 में भाजपा की सरकार आई। शिवराज सिंह चौहान के समय भव्य स्मारक का लोकार्पण तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी और सरसंघचालक केएस सुदर्शन की मौजूदगी में किया गया।
इसलिए महू और इंदौर की जनता जानती है कि कांग्रेस और कांग्रेसियों की अंबेडकर के प्रति कितनी श्रद्धा है? बाबा साहब की सामाजिक और राजनैतिक उपेक्षा करने वाली कांग्रेस बाबा साहब के नाम पर ढोंग कर रही है। कांग्रेस और उसका टूलकिट गैंग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को एआई से एडिट कर साजिश रच रहा है।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के समय भी अमित शाह के बयान को एआई से एडिट कर साजिश रचकर झूठ परोसने का कार्य किया था। देश में 55 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस ने अपने प्रथम परिवार के नेताओं जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी व राजीव गांधी को भारत रत्न दिया, उनके स्मारक बनवाए, लेकिन बाबा साहब डॉ. अंबेडकर को सदैव वंचित रखा है। जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस नेतृत्व ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को चुनाव हराने का घिनौना कार्य किया।
कांग्रेस नेतृत्व में डॉ. अंबेडकर को इतना परेशान किया गया कि उन्हें केंद्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। डॉ. अंबेडकर को भाजपा समर्थित सरकार में भारत रत्न दिया गया।

Author: Dainik Awantika