जिस डिक्री का हुआ उल्लेख वह भी नहीं आई सामने, एसडीएम ने खरीदी बिक्री पर लगाई रोक
इंदौर। सिरपुर के राम मंदिर की जमीन वाले बटवारा होकर दो भागों में बट गई और पंजी पर नामांतरण भी हो गया। जिस डिक्री का लेकर जमीन बाती गई वह भी नहीं मिल पा रही है।
अब एसडीएम ने जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगाने के लिए वरिष्ठ जिला पंजीयक को पत्र लिखा है।
ग्राम सिरपुर की सर्वे क्रमांक 394 की भूमि श्री राम मंदिर के नाम वर्ष 1925 और 1959 की मिसल में दर्ज यह जमीन सन 1993 में बटवारा हो गई और किसी को पता भी नहीं चला यही नहीं इस जमीन का सन 2000 में रजिस्ट्री के आधार पर नामांतरण किया गया जिसे मंदिर के पुजारी के पुत्र ने विक्रय किया बताया गया है।
वर्ष 1993 में किए गए बटवारा को लेकर बताया जाता है कि न्यायालय की डिक्री के अनुसार बटवारा किया गया था और जमीन के दो भाग हुए। एक भाग मंदिर के नाम से है और दूसरे भाग को विक्रय कर नामांतरण भी हो गया। पटवारी रिपोर्ट में जी डिक्री का उल्लेख हुआ है वह भी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं मिल पा रहा है।
बताया जाता है कि उक्त न्यायालय आदेश की प्रति के लिए खोजबीन की गई है किंतु न्यायालय का रिकॉर्ड जल जाने के कारण वह भी प्रशासन के हाथ नहीं लग पाया है। मौके पर जमीन तो है पर उस पर कोई और ही जमा हुआ है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब सिरपुर के सर्वे क्रमांक 394/2 के सीमांकन के लिए किए है। आवेदन में राजस्व निरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अभिलेख निरीक्षण अनुसार सर्वे क्रमांक 394 के पटवारी नक्शे पर कोई बटांकन तरमीम नही बनी है, जबकि नगर पालिका निगम द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में संलग्न नक्शे की ट्रेस छाया प्रति में सर्वे क्रमांक 394 की तरमीम उल्लेखित है।
सर्वे क्रमांक 394/1 एवं 394/2 जो कि ट्रेस की छाया प्रति में हाथ से लिखे गये है, दोनो ही उल्लेखित अक्षरों में अन्तर दिखाई पडता साथ ही पटवारी नक्शे अनुसार भी नक्शे पर तरमीम नहीं होने से संलग्न नक्शे के छाया प्रति संदेहास्पद प्रतित होती है।
इस संबंध में पूर्व मे 20/01/2014 को भी रिपोर्ट दाखिल की गई है। जिसमें अभिलेख में त्रूटी होना उल्लेखित किया गया है। राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के बावजूद अधिकारी लंबे समय तक मौन रहे। किसी ने भी राजस्व रिकॉर्ड को देखने का प्रयास भी नहीं किया। वर्तमान रिकॉर्ड के अनुसार ग्राम सिरपुर के सर्वे क्रमांक 394/1 रकबा 0.209 हैक्टेयर श्रीराम मंदिर और सर्वे कमांक 394/2 रकबा 0.325 हेक्टेयर श्रीमती साधना पति प्रकाश नांदेडकर का नाम दर्ज है। सर्व क्रमांक 394/1 जो श्री राम मंदिर के नाम से है उस पर वर्तमान में बगीचा और मान सरोवर होटल बना हुआ है।
मिसल बन्दोबस्त अनुसार सर्वे क्रमांक 394 अभिलेख में श्रीराम मंदिर, मेनेजर गोपालदास राव के नाम से दर्ज है जिसका रकबा 1.32 एकड इनाम देव स्थान के नाम से उल्लेखित है। वर्तमान में सामने आई एक शिकायत के बाद एसडीम निधि वर्मा ने जमीन को लेकर नए सिरे से जांच की शुरू की है इस जांच में कई बातें उभर कर सामने आ रही है। जमीन पर हुए नामांतरण और बंटवारे को लेकर उन्होंने पुरानी फाइल है और दस्तावेज निकालने के निर्देश दिए हैं।
एसडीएम निधि वर्मा ने बताया कि जब तक जांच नहीं हो जाती तब तक इस भूमि पर किसी तरह की क्रय विक्रय की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए वरिष्ठ जिला पंजीयक कार्यालय को यात्रा लिखा गया है।
संदेहास्पद है वर्ष 2000 की नामांतरण पंजी ——
वर्ष 2000 में किए गए पंजी नामांतरण की ऑनलाइन प्रति देखने पर ही उसे पर शंका होती है। नामांतरण पंजी में जो लिखावट है वह किसी पटवारी के हाथ की नजर नहीं आती इसमें भी लिखने वाले ने कई त्रुटि की है।
पंजी में सर्वे क्रमांक हिंदी के अंकों में लिखा है और अन्य बातें अंग्रेजी के अंकों में लिखी गई है। यही नहीं पंजी में लिखावट और उसकी भाषा भी शंका जाहिर करती है इस नामांतरण पंजी पर किए गए पटवारी और तहसीलदार के हस्ताक्षर भी शंका को जन्म देते हैं यही नहीं तहसीलदार की पदमुद्रा भी विश्वास योग्य नजर नहीं आती है।
नामांतरण पंजी देखकर यह लगता है कि वर्ष 2000 से पूर्व शासकीय दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई है जिन्हें बाद में ऑनलाइन भी कर दिया गया और लोग इसका फायदा उठाकर जमीनों का खेल करने से नहीं चुक रहे हैं।