दैनिक अवन्तिका इंदौर
कस्तूरबा आश्रम में स्थापित गौशाला में रहने वाली गौ माता की उचित देखभाल नहीं हो पा रही है। गौ माता को यहां ना तो खाने को हरा चारा मिल पाता है और ना ही पीने को साफ पानी दिया जा रहा है।
बीमार होने पर उनके उपचार की भी कोई व्यवस्था नहीं है। गौ माता सूखा चारा खाने को और गंदा पानी पीने को मजबूर है। यह स्थिति इंदौर के कस्तूरबाग्राम राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट द्वारा ग्राम कैलोद करताल में संचालित कस्तूरबा आश्रम की गौशाला में रहने वाली गौ माता की दुर्दशा बाहर से ही देखने को मिल जाती है।
यहां पर जाने वाले लोग गौ माता को देखकर आंसू बहाते हैं और संचालक मंडल इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। खाने को तो प्रदेश में गौ सेवक बहुत है और गौशाला के नाम पर जमीन भी लेकर सेवा का दिखावा कर रहे हैं किंतु गौशाला में गौ माता की सेवा करने के बजाय वे खुद की और परिवार की सेवा उसे राशि से करने से नहीं चूकते हैं।
गौ माता को दिया जाने वाला चार अब सूखे भूसे में बदल गया है यहां भूमि है जिस पर खेती किसानी भी की जाती है किंतु गौ माता के लिए हरी घास नहीं मिल पा रही है खेतों में चारी लगाकर लोग सेवा करते हैं किंतु इन बुढ़ी गायों से दूध नहीं मिलने के कारण आश्रम के कर्ताधर्ता उनकी सेवा का सिर्फ दिखावा करते हैं गौ माता को दिए जाने वाले पानी में जमी हरी काई ही स्पष्ट करती है कि उनकी कितनी देखभाल की जाती है।
गायें बीमार किंतु उनके उपचार पर भी किसी की नजर नहीं
कुछ गाय बीमार नजर आती है किंतु उनके उपचार पर भी किसी की नजर नहीं गई है। पूर्व में भी गोपालन को लेकर गौशाला में सामने आई लापरवाही के बाद जिला प्रशासन ने कुछ स्थानों पर कार्रवाई की थी, किंतु उसके बाद आज तक किसी ने भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया। कलेक्टर के पास हर महीने गौशाला के लिए आवेदन आ रहे हैं जिसे आवंटन को लेकर राज्य शासन तक भेजा जाता है, कुछ पर सरकार की सहमति भी बन गई है किंतु गोपालन और वहां रखी जाने वाली गौ माता की देखभाल पर नजर रखने के लिए अभी तक किसी ने कोई नीति बनाकर निर्देश जारी नहीं किए हैं।