खुसूर-फुसुर सत्ताधारियों का ही रिपोर्ट दर्ज न होने का कथन

खुसूर-फुसुर

सत्ताधारियों का ही रिपोर्ट दर्ज न होने का कथन

सत्ताधारी ही आपस में उलझ रहे हैं और गुत्थम गुत्था हो रहे हैं। हाल ही में ऐसे ही मसले में दो सत्ताधरियों में चल रही उठा पटक में एक ने रिपोर्ट न दर्ज होने का कथन कर दिया। इनके बीच पिछले एक सप्ताह से उठा पटक मची हुई है। एक स्थानीय सरकार के सम्मानीत है तो दुसरे संगठन के युवा वर्ग के अहम ओहदे पर हैं। दोनों के बीच एक रिश्तेदार को लेकर उठा पटक होना आम है लेकिन इसके पीछे की बात खास है। एक पक्ष की और से इसमें रिपोर्ट करवा दी गई और बाद में दुसरे पक्ष ने घर पर आकर हमले के मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाने का मसला रखा। एक महिला को घायल होने पर उपचाररत होने की बात कही। दावे प्रति दावे दोनों पक्षों से किए गए हैं। युवा विंग के ओहदेदार ने अपने कथन में राजनैतिक प्रभाव के कारण उसकी रिपोर्ट दर्ज न होने की बात कह कर प्रश्नचिंह लगा दिया । खुसूर-फुसुर है कि जब सत्ताधारियों के मामले में ही भेदभाव का प्रश्न खडा हो रहा है तो आमजन और खास के मसलों में क्या हो रहा होगा। समरथ को नहीं दोष गुसांई के हाल आखिर कौन से प्रभाव से किए जा रहे हैं और अपनों में ही भेदभाव करने वाले आमजन के लिए स्वतंत्र प्रक्रिया के कब पक्षधर होंगे।

 

 

Author: Dainik Awantika