अपने ही मकान का मालिक नहीं बन पाया गौरव, किस पर करे विश्वास सभी ने दिया धोखा

 

कोर्ट ने जिसे सही माना पुलिस ने उसी से छिना मकान, वकील ने तैयार कर दी एसडीएम की आर्डर शीट

इंदौर। अपने मकान को अपना सिद्ध करने में परिवार को पसीना छूट रहा है। फर्जी रजिस्ट्री को न्यायालय ने शून्य घोषित किया, फिर भी पुलिस ने अन्य को कब्जा दिलाया।
जिस वकील पर विश्वास कर एसडीएम से कब्जा दिलाने का प्रयास किया उसी ने फर्जी आर्डर शीट तैयार कर फर्जी हस्ताक्षर कर दिए। सचाई सामने आने पर एसडीएम ने जांच शुरू कर दी है। अपनी मेहनत की कमाई से गौरव शर्मा की माता ने एक मकान खरीदा और उसमें किराएदार रख दिया। किराएदार ने मकान की फर्जी रजिस्ट्री तैयार करवा ली और उसे पर कब्जा जमाने का प्रयास किया।
गौरव ने बताया कि मामले को न्यायालय में चुनौती दी गई तो न्यायालय ने किराएदार की रजिस्ट्री को फर्जी मानते हुए शोभा शर्मा के पक्ष में फैसला सुनाया जिसमें पुलिस प्रशासन को कब्जा दिलाने के आदेश किए गए थे।

किराएदार की सांठगांठ के चलते पुलिस थाना पलासिया ने मकान का कब्जा गौरव के परिवार के बजाय किराएदार को ही दिला दिया। गौरव और उसका परिवार न्यायालय के आदेश लेकर भटकता रहा पर किसी ने उसकी नहीं सुनी। गौरव का कहना है कि उन्होंने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की और जनसुनवाई में भी शिकायत करने के बाद उसे कोई न्याय नहीं मिला। मामले को लेकर गौरव ने राजगढ़ के अभिभाषक गिरिराज गुप्ता के माध्यम से एसडीएम जूनी इंदौर की न्यायालय में कब्जा दिलाने का
प्रकरण में परिसीमा अधिनिमय की धारा 05 का आवेदन होने के कारण प्रकरण मे अनावेदकगणों की उपस्थिति आवश्यक होने से अनावेदकगणो को सूचना पत्र जारी किये जाये अनावेदकगणो की उपस्थिति एव जवाब के पश्चात धारा 05 पर विचारण उपरांत प्रकरण दर्ज किया जावे।

गौरव के सारे दस्तावेज लेकर उसे कहा कि उन्होंने एसडीएम न्यायालय में आवेदन कर दिया है। जब गौरव वकील गुप्ता से मिलने तो उन्हें कहा जाता कि एसडीएम बाहर हैं।
इस वजह से अगली तारीख पर सुनवाई होगी। गौरव का कहना है कि उसे तारीख पर सुनवाई के नाम पर वकील मोटी फीस लेता रहा। लंबा समय बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं होने से परेशान होकर उसने वकील से अपने मामले की जानकारी चाही तो उन्होंने एसडीएम धनगर के यहां सनी चलने की बात कही।
गौरव अपने परिवार के साथ एसडीएम धनगर के न्यायालय में गया और उन्होंने प्रकरण की जानकारी अच्छी किंतु कहीं
भी इस तरह के प्रकरण का रिकॉर्ड नहीं मिला।

जब उन्होंने अभिभाषक गुप्ता से मंदिर की सही जानकारी देने को कहा तो उन्होंने उसे एक ऑर्डर शीट कमाते हुए कहा कि लंबे समय से एसडीएम कार्यालय में यह प्रकरण चल रहा है अभी सिर्फ तारीख बढ़ रही है, गौरव वह कागज लेकर सीधे एसडीएम धनगर के कार्यालय पहुंच गया। जब गौरव एसडीएम धनगर से मिला और उन्हें वकील के द्वारा दिए गए कागज दिखाए तो वह चकित रह गए।
उक्त ऑर्डर सीट पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे और पदमुद्र भी अंकित की गई थी जिसमें श्री घनश्याम धनगर भाड़ा नियंत्रक लिखा हुआ है। एसडीएम धन करने इस तरह के मामले की अपने कार्यालय में जांच कराई किंतु कार्यालय में वह प्रकरण दर्ज नहीं होना पाया गया। उन्होंने फोन लगाकर अभिभाषक को बुलाया किंतु वह नहीं आए बाद में वकील गुप्ता ने अपना फोन बंद कर लिया एसडीम की शक्ति के बाद उनका एक सहायक कार्यालय में पहुंचा और उसने बताया कि वह वकील गुप्ता के पास सहायक के रूप में कार्य कर रहा है सिर्फ उसे जितना निर्देश मिलता है, उसके अनुसार ही वह कार्य करता है।
मामले में एसडीएम धनगर ने जांच आरंभ कर दिए बताया जाता है कि वकील गुप्ता के द्वारा की गई धोखाधड़ी को लेकर पुलिस कार्रवाई की जाएगी और बार एसोसिएशन को भी उनकी सनद समाप्त करने का पत्र भेजा जाएगा।

Author: Dainik Awantika