उज्जैन। नगर निगम ने रहवासी क्षेत्र के पास ही अघोषित कचरे का डंप सेंटर बना डाला है। बाले –बाले ग्लोबल कंपनी के कर्मचारी यहां क्षेत्रीय वाहनों से धीरे-धीरे कचरा डालकर अपने काम का आगा टाल रहे हैं और इस कचरे और गंदगी की बदबू से विद्युत के दो जोन कार्याल,डीआईजी कार्यालय , यातायात थाना सहित आधा दर्जन प्रशासनिक कार्यालय के कर्मचारी परेशान हैं तो क्षेत्रीय रहवासी भी परेशान है। यहां के हालात से बीमारी फैलने के अंदेशे को नकारा नहीं जा सकता है।नगर निगम ने कचरा कलेक्शन के लिए गउघाट रोड पर सेंटर बना रखा है । इसके अलावा कचरे के अघोषित निष्पादन के काम को भी बराबर बाले-बाले अंजाम दिया जा रहा है। शहर में पहले से ही कुछ स्थानों पर आसपास के नागरिक परेशान हैं इसमें कानीपुरा रोड के साथ ही आगर-मक्सी बायपास पर भी इस काम को पूर्व से ही अंजाम दिया जा रहा है। वहां भी पास के बडे क्षेत्रों में कचरा इकट्ठा किया जा रहा है। आए दिन कचरे में आग लगने से कानीपुरा क्षेत्र की करीब आधा दर्जन से अधिक कालोनियों के रहवासी परेशान हैं।खास तो यह है कि कचरा डालने के बाद यहां से बडे वाहनों में उठाया भी नहीं जा रहा है । कचरे का निष्पादन करने के लिए कई बार यहां आग लगाई जाती है या फिर उसे आसपास नाले के आजू-बाजू सरका कर जमीन का भराव भी किया जा रहा है।पास में महाकाल वाणिज्य,महाश्वेता रहवासी क्षेत्र-क्षेत्रीय स्तर पर कचरे का कलेक्शन करने वाले कई वाहन यहां बाले-बाले आते हैं और यहां कचरा और गंदगी खाली कर चले जाते हैं। यह पुरा क्षेत्र पास की रहवासी कालोनी महाकाल वाणिज्य,ऋषिनगर एवं नानाखेडा सब्जी मंडी से लगा हुआ है। इसके चलते यहां से उठने वाली सडांध एवं गंदगी से आसपास के लोग अब परेशान होने लगे हैं।चारों और बाउंड्रीवाल-खास बात यह है कि बाहर से यहां कचरा एवं गंदगी दिखाई नहीं देती है सिर्फ बदबू की वजह से ही कोई इसे पहचान सकता है। इस पूरे जमीन के आसपास सुरक्षित बाउंड्रीवाल करीब 5 फीट से उंची बनी हुई है। इसके ही कुछ हिस्से को येनकेन प्रकारेण कचरा कंपनी के लोगों ने आने जाने का मार्ग बनाते हुए कचरे का डंप सेंटर बना दिया है।आधा दर्जन कार्यालय फिर भी धडल्ले से डाल रहे कचरा-एमआर-2 रोड पर महाश्वेता-महानंदा विद्युत जोन है। इसके साथ ही डीआईजी कार्यालय एवं यातायात थाना रोड से ही लगा हुआ है। इसके पीछे नाला है। इसके दुसरी और महिला बाल विकास कार्यालय,संभागीय विघुत संरक्षण कार्यालय के साथ ही कोष एवं लेखा का कार्यालय भी संचालित होता है। इसके बीच में करीब 20 बीघा से ज्यादा भूमि रिक्त पडी है। विकास प्राधिकरण ने प्रशासनिक जोन की योजना के समय यह जमीन जिला प्रशासनिक कार्यालय के लिए रिक्त रखी थी। बाद में इस जमीन पर प्रशासन ने आने से इंकार कर दिया । इसके उपरांत ही यह जमीन खाली पडी हुई है।व्यापार मेले के समय आरटीओ केंप लगा था-पिछले वर्ष नगर निगम के व्यापार मेले के दौरान वाहनों के पंजीयन के लिए इस जमीन पर परिवहन विभाग ने केंप लगाकर रजिस्ट्रेशन किए थे। इस पूरे केंपस में वाहन ही वाहन खडे किए गए थे।