इंदौर। साइबर फ्रॉड की राशि के संदिग्ध ट्रांजेक्शन के कारण ब्लॉक होने वाले बैंक खातों की समस्या को देखते हुए राजबाड़ा के रेडीमेड व्यापारियों ने ऑनलाइन पैमेंट लेना बंद किया तो हड़कंप मच गया। प्रशासन ने व्यापारियों से संपर्क किया, नेशनल पैमेंट कॉर्पोरेशन के हस्तक्षेप से जितने खाते ब्लॉक हुए थे उसमें से करीब 80-85 प्रतिशत खाते अनब्लॉक कर दिए गए हैं। इसके बाद व्यापारियों ने ऑनलाइन भुगतान लेना शुरू कर अपनी समस्या के स्थायी हल के लिए पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा है। ग्राहकों ने खरीदी के बाद ऑनलाइन भुगतान किया। ग्राहक के खाते में साइबर फ्रॉड की राशि आई थी और उसका ऑनलाइन भुगतान लेने के कारण व्यापारी की परेशानी खड़ी हो गई। संदिग्ध लेन-देन के कारण बैंक ने खातों को ब्लॉक कर दिया जिससे व्यापारियों का कारोबार प्रभावित हुआ और प्रतिष्ठा धूमिल होने लगी। राजबाड़ा के आसपास के रेडीमेड कारोबारियों ने विरोध में ऑनलाइन भुगतान लेना बंद कर इसके बोर्ड लगा दिए तो हड़कंप की स्थिति बन गई। अहिल्या चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त सचिव अक्षय जैन के मुताबिक, व्यापारियों ने ऑनलाइन भुगतान लेना शुरू कर दिया है। नरेंद्र बाफना, इशाक भाई, मनीष निगम, इंदौर रिटेल गारमेन्ट्स एसोसिएशन के राजेश जैन , राजेन्द्र राठौर, चेतन कारडा, दीपक पंवार ने क्राइम ब्रांच में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया से मिलकर ज्ञापन दिया। मांग रखी गई कि खाते ब्लॉक करने की प्रक्रिया के लिए कमेटी बनाई जाए जिसमें व्यापारियों को प्रतिनिधि को शामिल करें।