हाईकोर्ट ने स्टूडेंट्स को दी राहत, फीस के लिए परीक्षा में बैठने से नहीं रोक सकते

इंदौर निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कॉलेज उन्हें फीस जमा नहीं करने के चलते परीक्षा में बैठने से नहीं रोक सकेंगे। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रणय वर्मा की कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं। अभिभाषक राकेश सिंह भदौरिया ने बताया, कांग्रेस की सरकार में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की थी। उनकी फीस का 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार दे रही थी। इस स्कीम के तहत आने वाली छात्रवृत्ति में से निजी मेडिकल कॉलेज 15 फीसदी राशि अन्य फीस के नाम पर काट रहे थे, और पैसा जमा नहीं करने तक परीक्षा में बैठने से रोक रहे थे। इसके खिलाफ पूर्व में भी हाईकोर्ट में याचिका लगी थी। कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए फैसला होने तक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। अब एक मेडिकल कॉलेज ने 1 जनवरी से होने वाली परीक्षा में छात्रवृत्ति के जरिए पढ़ाई कर रहे छात्रों को बैठने से रोक दिया। इसके खिलाफ फिर हाईकोर्ट में नई याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने इन याचिकाओं को भी पुरानी याचिकाओं के साथ जोड़ने के साथ उस समय जारी आदेश को दोहराते हुए साफ कर दिया है कि फीस के लिए किसी भी छात्र को परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जा सकता है। छात्रों को परीक्षा में बैठाने के अंतरिम आदेश दिए हैं। इसका फायदा 100 से ज्यादा छात्रों को मिलेगा।

Author: Dainik Awantika